ये लगाया था आरोप
यहां बता दें कि उत्तराखंड जसपुर निवासी नसीम अहमद ने आरोप लगाया था कि भोजपुर निवासी उनका दोस्त शफी अहमद ने उनकी पत्नी रहमत जहां को चुनाव लड़ने के लिए पन्द्रह बीस दिन के लिए उधार लिया था। लेकिन चुनाव जीतने के बाद पत्नी लौटाने से इनकार कर दिया था। यही नहीं उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गयी। क्यूंकि शफी अहमद नगर पंचायत भोजपुर के पूर्व चेयरमैन था और इस बार सीट पिछड़ी जाति की महिला के लिए अरक्षित हो गयी थी। तब उसने अपने दोस्त से उसकी पत्नी रहमत जहां को उधार लिया था।
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जीतने के बाद गांव गयी थी रहमत जहां
शिकायत कर्ता नसीम जहां ने ये भी बताया था कि जीत के बाद रहमत जहां का जसपुर में उनके गांव बाबरखेडा में स्वागत भी हुआ था। लेकिन रहमत जहां को शफी अहमद ने कैद कर लिया। जिस पर उसने इसी साल 19 मई को जसपुर सिविल कोर्ट में वाद दायर किया। जिस पर 13 अगस्त को कोर्ट ने नसीम अहमद के पक्ष में फैसला सुनाते हुए शमी अहमद पर कार्यवाही के लिए पुलिस को निर्देश दिए।
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इन पर हुआ मामला दर्ज
कुंडा पुलिस ने शफी अहमद के साथ ही उसका भाई जिले हसन,नईम चौधरी और मतलूब के खिलाफ अपहरण और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कर लिया है। जिसके बाद शफी अहमद की मुश्किलें बढना तय मानी जा रहीं हैं।
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रहमत जहां ने भी जाने से किया मना
इस मामले में नया मोड़ तब आया था जब इस मामले की कड़ी रहमत जहां ने खुद नसीम अहमद के साथ जाने से इनकार कर दिया था। उन्होंने बताया कि उनका तलाक हो चुका है और दलील दी थी कि आखिर पत्नी कोई कैसे उधार दे सकता है। जिससे ये मामला दो राज्यों की सियासत के बीच खूब चर्चा का विषय रहा।