खास बात ये है कि बेगम नूर बानो के नूर महल से सौ मीटर की दूरी पर सिटी मजिस्ट्रेट का आवास है। वहीं, बराबर में अपर जिला जज की कोठी है। इसके अलावा 50 मीटर की दूरी पर जिला कलेक्ट्रेट है। जहां से रोजाना खुद डीएम, एडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट के अलावा दर्जनों जजे यहां से निकलते हैं। नगरपालिका के अफसर भी इसी रास्ते से कलेक्ट्रेट में आकर मीटिंग अटेंड करते हैं। बावजूद इसके यह सड़क उनकी आंखों में नजर नहीं आती । ये हालत तब है, जब बेगम नूर बानो पूर्व के नवाब फैमिली से होने के साथ ही कांग्रेस की सांसद रह चुकी है। इस मामले में कांग्रेस की पूर्व सांसद बेगम नूरबानो के बेटे काजिम अली खान के मीडिया प्रभारी समी ने पत्रिका को बताया कि हमने कई बार शिकायत की थी, लेकिन सपा सरकार में जान बूझकर शिकायत पर कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती थी। प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद बी हालात नहीं बदले, नगरपालिका समेत ज़िला अधिकारी के यहां दर्जनों शिकायतें की, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया ।
वहीं, इस मामले में जब डीएम महेंद्र बहादुर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बारिश के बाद गड्ढा भरवाने के साथ ही सड़क बिल्कुल ठीक करवा दी जाएगी । उन्होंने कहा कि यह मामला कई बार बोर्ड की बैठक में भी आया है। इसके अलावा बार के वकीलों ने भी जलभराब और खराब सडक के गढ्ढों को लेकर शिकायतें की हैे, लेकिन अभी बारिश की वजह से काम करने में दिक्कत आ रही है। बारिश खत्म होते ही सड़क को गड्ढामुक्त कर दिया जाएगा।