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ऐसे हुआ योग से प्यार
Dr Mahjabeen Parveen ने बताया कि उन्हें पैरालाइश का अटैक पड़ा था, जिस कारण उनकी आवाज चली गयी थी। एलोपैथी डाक्टरों ने जवाब दे दिया था। उसके बाद किसी से गोरखपुर(Gorakhpur) स्थित योग एवं नैचुरोपैथी (Naturopathy) सेंटर के बारे में बताया। जहां उन्होंने इलाज करवाया और कुछ ही दिनों में उनकी आवाज वापस आ गयी। इसके बाद डॉ महजबीं परवीन को योग से प्यार ही हो गया। उन्होंने वहीँ से योग की ट्रेनिंग ली और फिर नैचुरोपैथी में एमबीबीएस(MBBS) किया और आज मुरादाबाद में गंगा आरोग्य धाम से सेंटर चला रहीं हैं। जहां वे नैचुरोपैथी से इलाज के साथ साथ चालीस से अधिक बेसहारा बच्चों की पढ़ाई और उन्हें योग प्रशिक्षण दे रहीं हैं ताकि वे भविष्य बना सकें।
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शुरू में हुई थी दिक्कत
Dr Mahjabeen Parveen ने बताया कि शुरुआत में उनके साथ धर्म (Dharm) को लेकर दिक्कत हुई, कई रिश्तेदारों ने ओम के उच्चारण पर आपत्ति उठाई। लेकिन जब उन्होंने उसके वैज्ञानिक कारण गिनाये तो धीरे-धीरे सहमत होने लगे। आज कई मुस्लिम भी उनसे योग व् नैचुरोपैथी का लाभ ले रहे हैं।
ये हैं चुनौतियां
अपने भविष्य को लेकर कहा कि अभी कई तरह की चुनौतियां हैं, उनसे निपटने के साथ ही लोगों को स्वास्थ्य(Health) के प्रति जागरूक करना भी बड़ा काम है। साथ ही जिन बच्चों को वे ट्रेंड कर रहीं हैं उन्हें उचित मुकाम दिलाना है।