रिहा होते ही तौफीक ने युवती से बदला लेने की ठान ली। एक रात युवती के घर पहुंचा और उसकी छोटी बहन का अगवाकर ले गए। आरोपी ने अपने बेटे के संग उसका निकाह करा दिया। मौका मिलते ही तौफीक ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पर एक रोज पीड़िता ने उसके चंगुल से भागकर पुलिस के पास पहुंचकर सारी जानकारी दी। इस मामले की सुनवाई मुरादाबाद की फास्ट ट्रैक कोर्ट-प्रथम योगेन्द्र चौहान की अदालत में हुई। एडीजीसी अशोक कुमार यादव ने बताया कि पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।
पीड़िता का कहना था कि शफीक व शान राजा को दुष्कर्म की घटना में आरोपियों के नाम लिए। बचाव पक्ष ने बताया कि पीड़िता की बहन से बदला लेने के लिए घटना को अंजाम दिया गया। हालांकि बचाव पक्ष ने कहा कि आरोपी पीड़िता का ससुर है पर उसे जबरन फंसाया गया है। पर सरकारी पक्ष ने दलील दी कि कोर्ट में पीड़िता के बयान और अन्य गवाहों ने बयान दिए। आरोपी ने बड़ी बहन से बदला लेने के लिए छोटी बहन से बेटे का निकाह कराकर दुष्कर्म किया। अदालत ने दोनों पक्ष जानने के बाद तौफीक को दोषी करार दिया। कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई। 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया हैं।