गोली लगने के बाद भी उत्तराखंड से रामपुर आ पहुंचा बारहसिंगा
वन रक्षक चंद्र पाल को थाना अजीमनगर इलाके के जंगल में बारहसिंगा के शव मिलने की सूचना मिली थी। पीएम रिपोर्ट में पता चला है कि बारहसिंहा को दो गोलियां पीछे से मारी गई हैं।जिसकी वजह से बारहसिंगा की मौत हुई है।वहीं अधिकारियों ने बताया कि रामपुर ज़िले के तीन तहसीलों में वन क्षेत्र है।लेकिन पशु आंकड़ों के मुताबिक इनमें एक भी बारहसिंगा नहीं है।एेसे में मरने वाला बारहसिंगा उत्तराखंड के जंगल से यहां निकलकर आया था।जो शिकारियों की गोली का निशाना बन गया।बारहसिंगा के सींग काफी महंगे होते हैं।इसी की वजह से उसकी शिकारियों ने उसकी हत्या कर सींग लूटने का प्रयास किया होगा।अब बारहसिंगा के शव को दफनाकर 24 घंटे वन अधिकारी कर्मचारियों को सुरक्षा में तैनात किया है।ताकि कोई दफन हुए बारहसिंगा के सींग तोड़कर न ले जाएं।
गोली लगने के बाद 10 से 12 किलोमीटर तक दौड़ा बारहसिंगा
डीएफओ गजेंद्र सिंह ने बताया कि बारहसिंगा बहुत सीधा जानवर है।जिसने भी इसे गोली मारी है उसे मालूम नहीं होगा कि यह जानवर गोली लगने ले बाद तुरंत नहीं गिरता।यह जानवर गोली लगने के बाद 10 से 12 किलोमीटर तक गोली लगी हालात में दौड़ने की ताकत रखता है।इस लिए शिकारी गोली मारकर उसका पीछा नहीं कर पाया।और यह दौड़ता रहा।यहां आकर उसकी हिम्मत टूटते ही दम तोड़ दिया।वहीं पुलिस बारहसिंहा को गोली माने वाले आरोपियों की तलाश में जुट गर्इ है।