शहर के सिविल लाइन स्थित पंडित दीनदयाल संयुक्त चिकित्सालय के हड्डी वार्ड में दो दिन पहले एक लावारिश व्यक्ति को भर्ती कराया गया था। ये व्यक्ति मानसिक रूप से भी कमजोर बताया जा रहा है। जिन डॉक्टरों को इस व्यक्ति का इलाज करना चाहिए था, उसने इसे हड्डी वार्ड में एक कमरे में बंद कर अपने कर्तव्य से इतिश्री कर ली। इसका कोई हालचाल भी नहीं लिया गया। इतनी ठंड में जब तापमान न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है और रात में बस बर्फ जमना ही बाकी रह गया। ये शख्स जमीन पर पड़े रहने को मजबूर है। उसकी शारीरिक और मानसिक स्थिति ऐसी नहीं की वो अपना ध्यान रख सके, लेकिन जिनकी है उन्होंने इसे इस हाल पर छोड़ दिया है। अस्पताल स्टाफ ने इस पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया।
जब सीएमएस डॉ ज्योत्स्ना पन्त से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में ऐसा नहीं है। वो जांच करवाएंगी कि उस व्यक्ति को इलाज क्यों नहीं मिल रहा। उधर अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की दो दिन से ये यूं ही पड़ा है। किसी भी डाक्टर ने इसका हाल नहीं जाना आकर। दरअसल, यह पीड़ित शख्स मानसिक रूप से कमजोर है। इसीलिए उसे ठंड से बचाने के प्रयास तो दूर उसे देखने भी कोई नहीं आया। फ़िलहाल, इस तस्वीर को देखकर यही कहा जा सकता है कि इस तस्वीर ने डॉक्टरी के पेशे के साथ ही इंसानियत को भी शर्मसार कर दिया।