ये है झगड़े की वजह
मुख्य न्यायमूर्ति ने सभी न्यायधीश व अधिवक्ताओं से कहा कि वादी व प्रतिवादी दोनों में ईगो होती है। इस ईगो को ख़त्म करने के लियें ही लोक अदालत की ज़रूरत है। कोई भी मामला हो, आदमी गुस्से में आकर बोलता है कि में तुझे कचहरी में देख लूंगा, लेकिन जब उस प्रक्रिया को देखता है तो उसे लगता है कि यह तो बहुत कठिन प्रक्रिया है, लेकिन वह तब तक इस प्रक्रिया को समझ चुका होता है, और उसे न्याय देर से मिलता। तो जो ईगो शब्द है धीरे-धीरे उसका ईगो कम होने लगता है।
इतने वाद है लंबित
यहां बता दें कि मुरादाबाद ज़िले के मुकदमों की एक लाख एक हज़ार पेंडेंसी है। अब जो नया प्रकरण दर्ज होगा, वो इनके पीछे लग जायेगा, इसीलिए लोग अदालत का आयोजन किया गया है। जब पुराने प्रकरण सुन लेंगे तभी ने प्रकरण को सुनने का मौका मिलेगा।