सांसद के समर्थकों का आरोप है कि इसी कारण उन्होंने अपनी करीबी बिजनौर की पूर्व विधायक रुचि वीरा को टिकट देने के लिए पत्र लिखा था। पत्र को लेकर रुचि वीरा अखिलेश यादव के पास गईं। इसी आधार पर पूर्व विधायक रुचि वीरा को सपा सांसद के नामांकन के दो घंटे पहले टिकट दिया गया लेकिन सांसद को इसकी भनक तक नहीं लग सकी। पार्टी के जिलाध्यक्ष डीपी यादव सहित अन्य पदाधिकारी सांसद के नामांकन में आए थे।
सपा से टिकट कटने के बाद सांसद डॉ. एसटी हसन (MP ST Hassan) काफी आहत हैं। उन्होंने कहा कि इस बार वह मुरादाबाद लोकसभा सीट के लिए चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। प्रचार के लिए पार्टी के नेताओं से बातचीत कर अन्य स्थान का चयन करेंगे। सांसद ने बताया कि उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष का पत्र तीन बजकर दो मिनट पर दिया गया यह पत्र पहले मिल जाता तो उनका टिकट पक्का हो सकता था। इधर चुनाव आयोग के निर्देशानुसार डीएम ने पत्र लेने का समय तीन बजे तक निर्धारित किया था।