scriptपत्रिका अभियान: अभिभावक बोले, इस जानलेवा ठंड में बिना स्वेटर के बच्चों को नहीं भेजेंगे स्कूल | Parents deny to send their children to school without sweater in cold | Patrika News
मुरादाबाद

पत्रिका अभियान: अभिभावक बोले, इस जानलेवा ठंड में बिना स्वेटर के बच्चों को नहीं भेजेंगे स्कूल

आधी सर्दी बीतने के बाद भी प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को स्वेटर नहीं मिलने से अभिभावक नाराज
 
 

मुरादाबादJan 10, 2018 / 03:37 pm

Iftekhar

fight for right

मुरादाबाद. आधी सर्दी बीतने के बाद भी प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को स्वेटर नहीं मिलने से नाराज अभिभावकों ने ठंड के मौसम में बच्चों को स्कूल भेजने से इनकार कर दिया है। प्राइवेट फर्म में काम करने वाले एक अभिभावक उमेश यादव ने बच्चों को स्वेटर बांटने में हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि मेहनत मजदूरी कर हम लोग किसी तरह परिवार का गुजारा चला रहे हैं। पूरा दिसम्बर महीना निकल गया। जनवरी का दूसरा हफ्ता चल रहा है, लेकिन अभी तक नहीं पता है कि कब तक हमारे बच्चों को स्वेटर दिए जाएंगे। इसलिए जब तक स्वेटर नहीं मिलते हम इस भीषण ठंड में बच्चों की जिन्दगी से खेलने के लिए स्कूल नहीं भेजेंगे। घाषणा करने के साथ ही सरकार को सोचना चाहिए था। इसके साथ ही कांठ में किसान ऋषिपाल सिंह ने भी कहा कि बिना स्वेटर बच्चों को कैसे स्कूल भेज सकते हैं। सरकार को कम से कम गरीबों के साथ तो ऐसा मजाक नहीं करना चाहिए था।

 

गौरतलह है कि जनपद में 1200 प्राइमरी और 550 जूनियर हाई स्कूल हैं। इन स्कूलों में बच्चों की संख्या डेढ़ से पौने दो लाख के करीब हैं। दरअसल, योगी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद यूपी के प्राइमरी स्कूलों का कायाकल्प करने के साथ ही इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए सभी जरूरी सामान मुहैया कराने का वादा किया था। इसी वादे के तहत इस सत्र से सरकार ने बच्चों को स्वेटर भी उपलब्ध कराने का वादा किया था। इसके लिए पहले यूपी सरकार ने प्रत्येक जिले को खुद ही स्वेटर खरीदने की जिम्मेदारी दी थी। इस पर अमल करते हुए स्कूलों ने अपने प्रपोजल जब शासन को भेजे तो उसमें दाम को लेकर काफी भिन्नताएं थी। सरकार एक स्वेटर पर 200 रुपए से ज्यादा खर्च करने को तैयार नहीं थी। लेकिन, कई स्कूलों के प्रपोजल में यह दाम काफी ऊंचा था। इसके बाद सरकार ने खुद ई-टेंडरिंग के जरिए स्कूलों में स्वेटर मुहैया कराने की प्रक्रिया शुरू की। इसके लिए 20 दिसंबर 2017 की डेडलाइन तय की गई। लेकिन, इस पर कोई काम नहीं हो सका। बाद में सरकार ने 25 दिसंबर 2017 की दूसरी डेडलाइन तय की। अफसोस कि इस बार भी सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई, जिससे स्वेटर की खरीदारी का काम अटक गया, जिसका खामियाजा मासूम बच्चे भुगत रहे हैं। अब एक बार फिर से सरकार ने 3 जनवरी 2018 को एक आदेश जारी कर जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी को स्वेटर बांटने के आदेश दिए हैं। लेकिन, अभी तक किसी स्कूल में बच्चों को स्वेटर बांटा नहीं जा सका है।

स्थानीय शिक्षकों ने की बजट बढ़ाने की मांग
इस मौसम में बच्चों को स्वेटर मिल भी पाएगा या नहीं यह भी कहना अभी मुश्किल लग रहा है। एक तरफ सरकार प्रति स्वेटर 200 रुपए से ज्यादा देने को तैयार नहीं है। वहीं, स्थानीय शिक्षकों का कहना है कि शासन से स्तर से स्वेटर के लिए जो राशि तय की गई है। वह काफी कम है। शिक्षकों का कहना है कि इतने कम पैसे में अच्छी क्वालिटी का स्वेटर मिलना मुश्किल है। इसलिए सरकार को बजट बढ़ाना चाहिए।

Home / Moradabad / पत्रिका अभियान: अभिभावक बोले, इस जानलेवा ठंड में बिना स्वेटर के बच्चों को नहीं भेजेंगे स्कूल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो