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मुरादाबाद

झांसी के बाद अब मुरादाबाद का अस्पताल चर्चा में, वजह जानकार हैरान रह जायेंगे आप

स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही डिप्टी सीएमओ स्तर के सभी अधिकारीयों ने सीएमओ के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए शासन से उन्हें तुरंत हटाने की अपील की है।

मुरादाबादMar 13, 2018 / 02:18 pm

jai prakash

moradabad
मुरादाबाद: सूबे में खस्ताहाल स्वास्थ्य सेवाओं की हालत किसी से छिपी नहीं है। बावजूद इसके सरकारी डॉक्टरों और कर्मियों का रवैया बिलकुल भी बदलता नहीं दिख रहा है। ताजा मामला मुरादाबाद के पंडित दीनदयाल संयुक्त चिकित्सालय का है। यहां स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही डिप्टी सीएमओ स्तर के सभी अधिकारीयों ने सीएमओ के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए शासन से उन्हें तुरंत हटाने की अपील की है। और तब तक स्वास्थ्य सेवायें भी ठप करने के साथ ही राष्ट्रिय अभियान पोलियो के बहिष्कार का भी ऐलान कर दिया है। उधर इस मामले में सीएमओ ने किसी से विवाद की बात को नकारा है,और बातचीत कर जल्द सबकुछ सही होने का दावा कर रही हैं।
कर्मचारियों और अधिकारीयों ने शासन को भेजे पत्र में सीएमओ पर आरोप लगाया है कि सरकार के प्राथमिकता वाले कार्यों में वे अडंगा लगा रहीं हैं। जरुरी फाइलों पर हस्ताक्षर भी नहीं कर रहीं। यही नहीं कार्यालय में न बैठकर अपने आवास से काम कर रही हैं। जिस कारण कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा अधिकारीयों कर्मचारियों के वेतन भी देर से मिलने की शिकायत के साथ नोडल अधिकारीयों पर जबरन क्रय आदेश जारी करने का दबाब बनाया जा रहा है।
इन्ही सब को लेकर आज सीएमओ कार्यालय में धरना प्रदर्शन के साथ काम ठप कर दिया। सयुंक्त कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष संदीप बडोला ने कहा कि जब तक शासन सीएमओ को तत्काल यहां से नहीं हटाता तब तक कार्य बहिष्कार कर आन्दोलन जारी रहेगा। डिप्टी सीएमओ और नोडल अधिकारी डॉ रंजन गौतम ने भी सीएमओ की कार्यप्रणाली पर ऐतराज उठाया।
वहीँ सीएमओ डॉ विनीता अग्निहोत्री ने इस कर्मचारियों और अधिकारीयों से विवाद पर कहा कि किसी को भी मनमानी छूट नहीं मिलेगी। अगर कोई विवाद है तो उसे बातचीत से सुलझा लिया जाएगा।

यहां बता दें कि मंडल का अकेला इतना बड़ा अस्पताल होने के बावजूद भी यहां जरुरी स्वास्थ्य सुविधाएं तक मुहैया नहीं है। उसके बाद महज अपने हितों को लेकर डॉक्टर और कर्मचारियों का ये व्यवहार सवाल खड़े करता है। कि आखिर मरीजों के हितों को लेकर कभी इस तरह का रवैया नहीं देखने को मिलता।
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