मच्छरों को मारने के लिए घर मे जलाई क्वाइल, दम घुटने से तीन मासूमों की मौत के बाद मचा हाहाकार
ऐसे हुआ तैयार
रेलवे मंडल के कैरेज एंड वैगन विभाग में पुराने कबाड़ से तैयार यह अनोखा वॉश बेसिन आजकल चर्चाओं में है। कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद वॉश बेसिन पर हाथ धोने वाले कर्मचारियों की तादात बढ़ी तो संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया। ऐसे में यहां तैनात स्टॉफ ने कबाड़ से यह वॉश बेसिन तैयार किया है। पैरों के जरिये संचालित इस वॉश बेसिन में साबुन और पानी पैरों पर लगे गियर से संचालित होता है। हाथ धोने वाले कर्मी को सबसे पहले पैरों से गियर दबाना होता है। जिसके हुक की मदद से साबुन हाथों पर आ जाता है। इसके बाद पानी की पाइप लाइन पर लगे गियर को दबाकर वॉश बेसिन में पानी आता है। ढाई घण्टे में तैयार इस वॉश बेसिन को बनाने में कोई लागत नहीं आई है। इसके जरिये संक्रमण का खतरा भी न के बराबर है।रेलवे टेक्नीशियनों द्वारा तैयार इस वॉश बेसिन को बगैर हाथों के इस्तेमाल से संचालित किया जाता है।
मस्जिद में नमाज पढ़वा रहा था इमाम, पुलिस ने किया गिरफ्तार, दर्जनभर लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
बाकी जगह भी लगेगा
इसे तैयार करने वालों में शामिल बी. एस. बिष्ट और शमसू बताते हैं कि इससे पानी का भी बचाव हो रहा है। रेलवे के कबाड़ से तैयार यह वॉश बेसिन कोरोना संकट में सोशल डिस्टेंस का पालन करने के लिए बनाया गया है। रेलवे के कैरेज एंड वैगन वर्कशॉप में तैयार वॉश बेसिन को पैरों के जरिये संचालित किया जाता है और वर्तमान में 300 से ज्यादा कर्मचारी इसके जरिये सोशल डिस्टेंस के नियम का पालन कर रहें है। रेलवे अधिकारियों की अनुमति के बाद स्टॉफ इसे अन्य विभागों और स्टेशनों पर भी लगाएगा। सार्वजनिक स्थानों पर वॉश वेसिन को कई लोग छूते हैं। जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में रेलवे कर्मियों द्वारा कबाड़ से तैयार किया गया वॉश वेसिन सामाजिक दूरी बनाने और कोरोना संक्रमण को रोकने की दशा में बढ़िया पहल है।