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ऐसे किया घोटाला
यहां बता दें की राशन की कालाबाजारी रोकने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने सभी राशन कार्डों को आधार कार्ड से लिंक करने की योजना बनाई थी। जिनके आधार जुलाई तक राशन कार्ड लिंक नहीं हुए उनके राशन पर रोक लगा दी गयी थी। लेकिन राशन माफियाओं ने इसका भी तोड़ निकाल लिया और कोटेदारों ने फर्जी आधार कार्ड नम्बर राशन कार्ड से मिलाकर 33590 किलोग्राम राशन हडप लिया। शुरुआती जांच में जिले के 62 कोटेदारों को चिन्हित किया गया है। इन सबके कोटे निलंबित किये जायेंगे।
होगी कार्यवाही
जिला पूर्ति अधिकारी संजीव कुमार सिंह ने बताया इसमें कोटेदारों के साथ विभागीय ऑपरेटरों की भूमिका सामने आई है। ये खेल जुलाई माह के कोटे से खुलासा हुआ है। जांच जारी है सभी पर कार्यवाही होगी।
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बढ़ सकता है फर्जीवाड़े का आंकड़ा
अभी ये आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। ये फर्जीवाड़ा एन आई सी से जारी डाटा में खुलासा हुआ है। इसकी बाजार की कीमत लगभग छह लाख रुपए है। इसमें 20154 किलोग्राम गेंहू और 13436 किलोग्राम चावल शामिल है।
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सूबे भर में हुआ है घोटाला
यहां बता दें कि राशन घोटाले में सूबे के 43 जिलों में फर्जी आधार कार्ड के जरिये सरकारी राशन हड़पने का मामला सामने आया है। जिसके बाद सभी जिलों में जांच शुरू हो गयी है। ये हाल तब है जब योगी सरकार ने भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की बात कही है। उसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदे बैठे रहे।