scriptवालमार्ट-फिल्पकार्ट: डील होते ही विरोध में उतरा ये संगठन | swadeshi jagran manch protest agaisnt walmart | Patrika News
मुरादाबाद

वालमार्ट-फिल्पकार्ट: डील होते ही विरोध में उतरा ये संगठन

का स्वदेशी जागरण मंच इसके खिलाफ उतर आया। मंच के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा और इस अधिग्रहण पर रोक लगाने की मांग की।

मुरादाबादMay 10, 2018 / 09:18 pm

jai prakash

moradabad

मुरादाबाद: देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन शापिंग कम्पनी फ्लिप्कार्ट का अमेरिकन मल्टीस्टोर कंपनी वालमार्ट द्वारा अधिग्रहण के बाद अब देश भर में इसका विरोध शुरू हो गया है। तमाम व्यापारी संगठनों के साथ ही आज आरएसएस का स्वदेशी जागरण मंच भी इसके खिलाफ उतर आया। मंच के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा और इस अधिग्रहण पर रोक लगाने की मांग की। मंच के मुताबिक इससे भारतीय व्यापारियों को गहरा आघात पहुंचा है और वालमार्ट जैसी बड़ी कंपनी छोटे व्यापारियों को नुकसान पहुंचाएगी।

सौदा देशहित में नहीं

स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक राजीव कुमार ने कहा कि ये डील के दिखावे में भारतीय बाजार में घुसपैठ है। ये डील कहीं से भी देश हित में नहीं है। अभी तक किसी भी विदेशी कम्पनी को देश में पूरी तरह से रिटेल स्टोर चलाने की इजाजत नहीं थी। ये सौदा पूरी तरह से अनैतिक है। साथ ही ये भाजपा के स्वदेशी उत्पादों के प्रयोग को भी गहरा आघात है। मंच से इसे अधिग्रहण को देशहित में रद्द करने की मांग की है।

बड़ी खबर: इस चुनाव में भाभी के सामने देवर ने किया नामांकन, अब मची अफरा-तफरी

हार्इटेंशन लाइन की चपेट में आने से दो किसानों की मौत

1076 अरब में ख़रीदा

यहां बता दें कि अमेरिका की दिग्गज रिटेल कंपनी वालमार्ट ने देश की सबसे बड़ी ई कॉमर्स कम्पनी फिल्प्कार्ट को 1076 अरब में खरीद लिया है। जिसका अब सीधा बाजार में मुकाबला चीनी कमोनी अमेज़न से होना है। इस सौदे के सार्वजनिक होने के बाद देश भर में अलग अलग व्यपारी संगठनों ने भी इस पर विरोध जताया है। उनके मुताबिक इस सौदे से छोटे और मझोले खुदरा व्यापारी नुकसान में आ जायेंगे। उनके मुताबिक वालमार्ट भारी छूट देकर ग्राहक तोड़कर सामने वाले का बिजनेस बंद कर देता है।

वहीँ ये सौदा उस समय हुआ है जब उसकी उम्मीद कम की जा रही थी। क्यूंकि भाजपा और आरएसएस स्वदेशी का पक्षधर है ऐसे में दुनिया की नामी कम्पनी का भारतीय खुदरा बाजार में प्रवेश कर जाना उसके लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। कम्पनी के मुताबिक इस सौदे की डील पिछले दो साल से चल रही थी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो