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तीन हजार ट्रक खड़े
मैनाठेर थाना क्षेत्र के डींगरपुर इलाके से चलने वाले हबीबी ट्रांसपोर्ट, हबीबी रोड लाइन सहित एक दर्जन ट्रांसपोर्टर के पांच हजार से ज्यादा ट्रक हिंदुस्तान के हर राज्य से माल ढोने का काम करते है। पिछले 4 महीने से आर्थिक मंदी के चलते इन ट्रकों को लोड मिलना बंद हो गया है। जिससे इस धंधे से जुड दो लाख लोग बेरोजगारी की कगार पर खड़े है। ट्रकों के ही काम से जुड़े मिस्त्री, टायर पंचर, बॉडी मेकर, वेल्डिंग करने वालों को भी रोजगार न मिलने से और भी बुरा हाल है। ट्रको की किस्त जमा नही होने की वजह से फाइनेंसर ट्रक खींच कर ले जा चुके है। ट्रक मालिकों ने गेहूं और बीबी के जेवर बेचकर फाइनेंसरो को ट्रकों की किस्तें जमा कर रहे है। फिर भी आर्थिक मंदी के चलते अपनी गाड़ी बचाना उन्हें मुश्किल हो गया है। ड्राइवर कंडक्टर की रोजी रोटी को तो छोड़िए ट्रक मालिक अपने बच्चों की स्कूल फीस भी नहीं भर पा रहे है। ट्रक मालिकों की कमर टूट चुकी है पांच हजार ट्रकों में से तीन हजार ट्रकों पर कोई काम नहीं है। माल ना मिलने की वजह से ट्रकों की नगरी की कमाई बंद हो गई है। यही हाल रहा तो डींगरपुर इलाके में चार चांद लगाने वाला ट्रकों का यह कारोबार बर्बाद हो जाएगा।
खर्चा नहीं उठा पा रहे
हबीबी ट्रांसपोर्ट के मालिक मोहम्मद जीशान ने बताया कि ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन में आज हम उस कगार पर खड़े है कि अपने घर का खर्चा भी नही उठा पा रहे है। डीजल महंगा हो गया तीस से चालीस किलोमीटर पर टोल देना पड़ता है। फाइनेंसर गाड़िया उठाकर ले जा रहे है, काम के बहुत बुरे हालात हो गए है।
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भाड़ा रह गया आधा
हाजी तजम्मुल ने बताया कि माल नही मिलने की वजह से ट्रांसपोर्ट का काम बंद हो गया है। पहले जिस माल का भाड़ा अस्सी हजार रुपए मिलता था अब पचास हज़ार मिल रहा है। घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो रहा है। बच्चों की फीस भी जमा नही कर पा रहे है। गाड़ी की तीन चार महीने से गाड़ी की किश्त भी जमा नही होने की वजह से फाइनेंसर गाड़ी खीचकर ले जा रहे है।
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इनका भी काम ठप
ट्रको में वेल्डिंग करने वाले इंतिखाब हुसैन का कहना है कि ट्रांसपोर्ट का काम बंद होने की वजह से हम लोगो को भी काम नही मिल पा रहा है। पहले पूरे दिन में चार पांच सौ रुपये कमा लेते थे अब तो सौ रुपये की मजदूरी भी नही हो पा रही है।