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मोरेना

प्रभारी मंत्री के सामने भिड़े प्रशासनिक अधिकारी और भाजपा नेता

भाजपाइयों ने प्रभारी मंत्री माया सिंह को घेरा

मोरेनाNov 05, 2017 / 05:32 pm

महेंद्र राजोरे

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रेस्टहाउस परिसर में भाजपाइयों व अधिकारियों में होती बहस।

मुरैना. प्रभारी मंत्री माया सिंह के सामने प्रशासनिक अधिकारी व भाजपा नेताओं के बीच विवाद हो गया। विवाद के चलते प्रभारी मंत्री व भाजपा जिलाध्यक्ष गाड़ी में बैठकर चल दिए, तब भाजपाइयों ने प्रभारी मंत्री का घेराव कर दिया और कहा कि हमारा अपमान हुआ है, न्याय करके जाओ। तब प्रभारी मंत्री यह कहकर चली गईं कि कृषि मंडी से लौटकर आ रही हूं। बाद में बंद कमरे में अधिकारी व भाजपाइयों के बीच गुप्तगू हुई, लेकिन भाजपाई संतुष्ट नहीं हुए।
घटनाक्रम के अनुसार प्रभारी मंत्री शनिवार को दोपहर साढ़े ११ बजे रेस्टहाउस पर आईं। यहां अधिकारियों से चर्चा करने के दौरान कृषि मंडी के भ्रमण के लिए जा रही थीं। उससे पहले भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष नागेन्द्र तिवारी ने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का मामला उठाया। वहीं एक पटवारी के स्थानांतरण को लेकर तिवारी ने कलेक्टर से कहा कि एक पटवारी को छह माह में दो बार स्थानांतरित कर दिया और मुरैना तहसील में लंबे समय से कई पटवारी जमे हुए हैं, उनको नहीं हटाया जा रहा है। कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार व पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि तेज आवाज में बात न करें। इसी बात पर नागेन्द्र तिवारी ने कहा कि यह तो यहां की भाषा है। तभी बीच में एसडीएम प्रदीप तोमर बोल पड़े कि ठीक है, यह तो शुक्र मनाओ कि आपने अतिक्रमण किया है, उसे हमने नहीं हटाया। इसी बात पर भाजपा नेता भड़क गए और तिवारी ने एसडीएम से कहा कि तुम्हारी तो बहुत शिकायत मिल रही हैं, गिनाएंगे तो लंबा समय निकल जाएगा। फिर क्या था वहां खड़े सीएसपी ने भाजपा नेता तिवारी व अन्य को वहां से धक्का देकर पीछे हटा दिया। यह झगड़ा होते देख प्रभारी मंत्री व भाजपा जिलाध्यक्ष अनूप भदौरिया गाड़ी में बैठ गए। तभी भाजपा नेताओं ने प्रभारी मंत्री को घेर लिया। सभी गाड़ी के आगे खड़े हो गए, उन्होंने कहा कि हमारी अधिकारियों ने बेइज्जती की है, पहले हमारी सुनो, उसके बाद जाने देंगे। तब प्रभारी मंत्री ने आश्वासन दिया कि अभी मंडी जा रहे हैं, लौटकर बात करेंगे। कृषि मंडी से लौटकर प्रभारी मंत्री ने दोनों पक्ष को सुना और समझाइश देकर मामला शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन भाजपा नेताओं में इस घटना को लेकर आक्रोश है। भाजपा नेताओं को इस बात का बहुत दु:ख है कि भाजपा जिलाध्यक्ष ने भी विवाद के दौरान कोई हस्तक्षेप नहीं किया, जबकि उनके सामने ही विवाद हुआ था। कुछ कार्यकर्ता तो यहां तक कहते सुने गए कि हमारे जिलाध्यक्ष तो ग्वालियर से आते हैं। कार्यक्रम में शामिल होकर वापस चले जाते हैं फिर कार्यकर्ताओं की कौन सुनेगा। भाजपा जिलाध्यक्ष अनूप भदौरिया ने साफ इंकार किया है कि मेरे सामने कोई विवाद हुआ ही नहीं है।
कांग्रेस माइंडेड अधिकारियों से रहते परेशान हैं भाजपा कार्यकर्ता
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष व जौरा विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी रह चुके सीनियर भाजपा नेता नागेन्द्र तिवारी ने कहा कि मुरैना में कुछ कांग्रेस माइंडेड अधिकारी आ गए हैं, वह भाजपा कार्यकर्ताओं को परेशान कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं की अनसुनी की जा रही है। इसलिए प्रभारी मंत्री का घेराव किया गया। प्रभारी मंत्री के सामने एसडीएम व सीएसपी ने मेरी आवाज को दबाने का प्रयास किया। मुझे धक्का देकर बेइज्जत किया गया, लेकिन प्रभारी मंत्री के होते हुए भी कुछ नहीं कहा, यह शर्म की बात है। प्रभारी मंत्री चलते समय कहकर गई हैं कि मुझे लिखकर दें और यह भी कहा कि ग्वालियर आना बैठकर बात करेंगे।

भाजपा नेता नागेन्द्र तिवारी का यह आरोप कि मुझे धक्का दिया गया है, गलत है। वह कलेक्टर से तेज आवाज में बात कर रहे थे। उन्होंने तेज आवाज में नहीं बोलने को कहा तो उन्होंने कहा कि हमतो ऐसे ही बोलेंगे तो हमने उनको पीछे हटा दिया था अगर इसको वह धक्का मानते हैं तो धक्का ही सही।
एसएस तोमर, सीएसपी, मुरैना
हमारी गाड़ी के सामने कोई भाजपा नेता नहीं आया। न ही मेरे सामने कोई विवाद हुआ है। मुझे नागेन्द्र तिवारी मिलने आए, वह अच्छे मूड में थे। अगर फिर भी उनको ऐसा लगता है कि उनकी अधिकारी नहीं सुनते हैं तो वह लिखकर दें, कौन अधिकारी है, उससे हम बात करेंगे।
मायासिंह, प्रभारी मंत्री
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