29 मार्च तक आसमान में घने और मध्यम बादल छाए रहने का अनुमान है। तापमान भी इस दौरान दिन में 31 से 34 तक और रात में 19 से 21 डिग्री सेल्सियस तक रहने की उम्मीद है। आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र में प्राप्त मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार 8 से13 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलेगी।
गुरुवार को दिन में हवा का रुख थोड़ा तेज रहा। मौसम में यह बदलाव किसानों की चिंता बढ़ा रहा है। बागचीनी क्षेत्र के किसान प्रदीप सिंह सिकरवार के अनुसार सरसों की फसल कटने को है और कुछ कटकर खेतों में भी पड़ी है। ऐसे में बारिश हुई तो खेतों से तुरंत नहीं उठ पाएगी और सूखने के बाद उठाने पर उसका दाना झड़ जाएगा।
हालांकि गेहूं की फसलों में केवल बारिश से खास नुकसान होने की संभावना नहीं है। मार्च माह में चौथी बार मौसम का मिजाज बदल रहा है। इसके पहले प्रथम सप्ताह में 3 बार ओलावृष्टि हो चुकी है। इससे सरसों सहित रबी की अन्य फसलों में नुकसान हुआ है।
इस मौसम में फसलों की करें खास देखरेख कृषि वैज्ञानिकों ने मौसम के बदलते दौर में फसलों की खास देखरेख के उपाय सुझाए हैं। देर से बोई गेहूं की फसल दूधिया अवस्था में होने के चलते आवश्यक होने पर सिंचाई करने की सलाह दी गई है, लेकिन इस समय चूहों का प्रकोप भी अधिक होता है, इसलिए उससे बचाव के उपाय भी करने का सुझाव दिया गया है। सरसों ७५ प्रतिशत फलियां पकने पर काटने की सलाह दी गई है।
कब कितना रह सकता है तापमान दिनांक अधि. न्यून. 27 मार्च 31, 19 28 मार्च 31, 19 29 मार्च 33, 20 डिग्री सेल्सियस। मध्यम और घने बादलों के साथ बारिश की संभावना है। दूधिया अवस्था वाली गेहूं की फसल में जरूरत के अनुसार सिंचाई व चूहों से बचाव के उपाय करें। सरसों की कटाई से खाली हुए खेतों में ग्रीष्मकालीन सरसों की बोवनी करें।
डॉ. हरवेंद्र सिंह, तकनीकी अधिकारी, आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र, मुरैना