कोटा बैराज से शनिवार को 3.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद चंबल सोमवार शाम से मंगलवार सुबह तक 3.20 मीटर चढ़कर 134 मीटर पर आ गई थी। ऐसा कहा जा रहा था कि राजघाट पर चंबल खतरे के निशान 138 मीटर को भी टच कर सकती है। लेकिन पानी धीरे-धीरे निकल गया और बाढ़ का खतरा टल गया। कलेक्टर ने सिंचाई विभाग एवं राजस्व अधिकारियों को बाढ़ की चपेट में आने वाले ग्रामों में 24 घंटे सतत संपर्क बनाये रखने के निर्देश दिए। चंबल पर राजघाट के पुराने पुल पर भ्रमण कर कलेक्टर ने किनारों की स्थिति को भी देखा। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व आरएस बाकना सहित अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।
जिले में अब तक 445.2 मिमी बारिश जले में अब 445.2 एमएम बारिश दर्ज की गई है। बीते साल इसी अवधि में 476.6 एमएम बारिश हुई थी। बीते साल की तुलना में इस साल 31.4 एमएम बारिश कम है। अधीक्षक भू-अभिलेख से प्राप्त जानकारी के अनुसार 25 अगस्त को सुबह तक जिले में सर्वाधिक 570.2 मिलीमीटर वर्षा मुरैना में दर्ज की गई है। सबलगढ़ में 51&, जौरा में 46&, पोरसा 460, अंबाह में &64, कैलारस में सबसे कम &01 एमएम बारिश दर्ज की गई है।
134 मीटर तक पहुंचा था सोमवार शाम चंबल का पानी 126 मीटर पर आ गया बुधवार को चंबल का जलस्तर 138 मीटर पर है चंबल के राजघाट पर खतरे का निशान। 70 से Óयादा गांव आते हैं चंबल की बाढ़ से प्रभावितों में