चंबल रेत से भरे टै्रक्टर ट्रॉलीको लेकर चालक भागा नहीं, बल्कि आसानी से जारोनी की तरफ निकल गया। काफी दूर तक मीडिया ने पीछा किया और देखा कि शायद पुलिस वाहन इधर आएगा लेकिन वाहन हाइवे पर चढक़र थाने की तरफ चला गया। पुलिस ने वाहन पकडऩा तो दूर प्रयास भी नहीं किया। इस पूरे घटनाक्रम को देखकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।