निगम के लिए महत्वपूर्ण है यातायात नगर
नगर निगम ने 16 साल पूर्व शिलान्यास के बाद यातायात नगर को विकसित करने का निर्णय अपने स्तर पर लिया है, लेकिन यदि बजट के अभाव में काम लटका तो निगम को दोहरा नुकसान होगा। जो पैसा फंस जाएगा उसका कोई सदुपयोग नहीं हो पाएगा और मोटर मैकेनिक व अन्य दुकानदारों के शिफ्ट न हो पाने से बैरियर एवं बस स्टैंड क्षेत्र में यातायात की समस्या भी बनी ही रहेगी। इसलिए जरूरी है कि नगर निगम अब यातायात नगर को पटरी पर लाने के बाद ही इसका काम रोके।
बड़ी मशक्कत के बाद पटरी पर आया है काम
वर्ष 2003 में केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने यातायात नगर का शिलान्यास किया था, लेकिन स्थानीय निकाय बाद में कांग्रेस का बन जाने से इसका कार्य आगे नहीं बढ़ सका। भाजपा के पिछले कार्यकाल से यातायात नगर को विकसित करने की कवायद शुरू हुई, लेकिन इसमें भी एक नपा के समय पार्षदों व अधिकारियों ने आधा सैकड़ा प्लॉट गोपनीय तरीके से नीलाम करने की योजना बना ली थी, हालांकि बाद में यह विफल हो गई।
फैक्ट फाइल
96 बीघा के करीब है यातायात नगर की जमीन
1500 के करीब विभिन्न आकार के भूखंड उपलब्ध होंगे यहां
16 साल से अधर में लटका है यातायात नगर का काम
04 किमी दूर है शहर से विकसित हो रहा यातायात नगर
45 करोड़ रुपए से कराया जा रहा है यातायात नगर का विकास
08 बीघा के करीब जमीन दबा ली है एनएचएआइ ने