जौरा के इस्लामपुरा स्थित रामनगर के रहने वाले नरेश खान के घर से पटाखे जब्त किए। जब्त पटाखे बोरा में भरकर थाने में रख दिए थे। दोपहर में उन पटाखों को उठाकर आरक्षक जितेन्द्र गुर्जर थाने के पीछे गैलरी में रखने ले गया। पास में ही आरक्षक रवि, गुंटूराम खड़े थे। पटाखे रखते समय अचानक विस्फोट हो गया जिससे तीनों घायल हो गए। वहीं लोडिंग वाहन को छुड़ाने थाने में खड़ा चालक रामदेव मीणा निवासी भीलवाड़ा भी घायल हो गया। विस्फोट से थाने के फर्श में गड्ढा हो गया और कम्प्यूटर बंद हो गए। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ विस्फोट अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
कच्चे माल से हुआ जोरदार धमाका!
मुरैना. जौरा थाने में रखे पटाखों में हुए विस्फोट की वजह खुली रखी बारूद मानी जा रही है। पुलिस दो बोरियों में तैयार पटाखे और मौके पर उपलब्ध सामान थाने लेकर आई थी। दूसरी जगह रखते वक्त हुए विस्फोट से दीवारें तक हिल गईं। सामान्य तौर पर देसी पटाखों में इतनी ताकत नहीं रहती है, लेकिन माना जा रहा है कि जिस बोरी में विस्फोट था, उसमें खुला बारूद भी रखा था। जौरा एसडीओपी सुजीत सिंह भदौरिया के अनुसार दूसरी बोरी में रखे पटाखों में विस्फोट नहीं हुआ। हालांकि वास्तविकता फोरेंसिंक रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगी। माना यह जा रहा है कि अवैध बन रहे पटाखे ज्यादा क्षमता के थे और दिन का तापमान अधिक होने से दूसरी जगह रखते वक्त आपस में टकराने से विस्फोट हो गया। इसके पहले वर्ष 2016 में बानमोर थाना परिसर में जब्त पटाखों को नष्ट करते समय भी विस्फोट हुआ था। इसमें टीआई बादाम सिंह व आरक्षक रोहताल यादव की आंखे जल गई थीं।