करोड़ों बहाने के बाद भी नहीं सुधरे हालात जल संरक्षण के नाम पर हर साल करोड़ रुपए मिट्टी में मिलाने और पानी में बहाने के बावजूद न बारिश की स्थिति सुधरी और न ही भू-जल स्तर बेहतर हुआ है। इन कार्यों में कैलारस और पहाडग़ढ़ क्षेत्र में गंभीर अनियमितताएं की गई हैं। विशेषज्ञों की जांच समिति ने यह साबित कर दिया है कि कैलारस जनपद पंचायत क्षेत्र में मनरेगा के तहत ऐसे स्थानों पर तालाब बना दिए जहां जल एकत्र होने के लिए कोई कैचमेंट एरिया ही नहीं है। 3.34 करोड़ रुपए से अधिक के कार्यों में भ्रष्टाचार साबित हो चुका है। मजेदार बात यह है कि मनरेगा के परियोजना अधिकारी ने स्वयं यह जांच की और भ्रष्टाचार प्रमाणित पाया, लेकिन इसके बावजूद सरपंचों और सचिवों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। यही वजह है कि तीन माह पहले प्रतिवेदन आने के बाद भी किसी पर कार्रवाई नहीं की जा सकी है।
इनको जारी किए गए थे नोटिस मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कैलारस गिर्राज शर्मा के अलावा इनमें रेखा राजपूत तत्कालीन सहायक यंत्री (संविदा), बृजेश चौधरी तत्कालीन सहायक यंत्री (आरईएस), अरुण कुमार श्रीवास्तव, अतिरिक्त कर्यक्रम अधिकारी (संविदा), जनपद कैलारस, दीपक सिंघल, प्रभारी सहायक लेखा अधिकारी (संविदा), जनपद कैलारस को नोटिस जारी किए गए थे। इनके अलावा एनके गुप्ता, उपयंत्री आरईएस, जनपद कैलारस, आरके सैमिल, उपयंत्री आरईएस, जनपद कैलारस, अरविंद सिंह कुशवाह, उपयंत्री (संविदा), जनपद कैलारस, मंजर अली, उपयंत्री (संविदा), जनपद कैलारस, नीरज शर्मा, उपयंत्री (संविदा), जनपद कैलारस को भी जारी हुए नोटिस।
यहां हुई मनरेगा में धांधली सरपंच ग्राम पंचायत रजपुरा-जागीर, ग्राम पंचायत भिलसैयां, ग्राम पंचायत खेड़ातोर, ग्राम पंचायत सुजर्मा, ग्राम पंचायत शहदपुर, ग्राम पंचायत कुर्रोली शामिल हैं। यहां तत्कालीन सरपंचों, सरपंचों और आरजीएस के विरुद्ध नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
क्या गड़बडिय़ां की गईं मनरेगा के कार्यों में आधा दर्जन ग्राम पंचायतों में चेकडैम व नाला निर्माण कार्य ऐसे स्थानों पर कराए गए जहां जहां प्राकृतिक जलस्रोत (नदी/नाला) ही नहीं हैं। वहीं दूरी के मानकों को भी ताक पर रखा गया है।
ग्राम पंचायत कुर्रोली में 120.67 लाख रुपए, ग्राम पंचायत रजपुरा-जागीर में 106.13 लाख रुपए, ग्राम पंचायत भिलसैयां में अनुपयोगी एवं निरर्थक 6 कार्यों पर 107.96 लाख रुपए खर्च किए गए। 40 प्रतिशत की जगह सामग्री पर 70 और मजदूरी पर 60 प्रतिशत की जगह 40 प्रतिशत ही खर्च किया गया।
स्थल निरीक्षण के बिना ही मस्टर व वाउचरों का सत्यापन कर दिया गया। ग्राम पंचायत मामचौन, सुजरमा, नैपरी, शहदपुर एवं खेड़ातोर में भी गड़बडिय़ां हैं। इन्होंने की थी जांच मनरेगा के कार्यों में धांधली की जांच स्वयं मनरेगा के प्रभारी परियोजना अधिकारी तिलक सिंह के साथ जिला पंचायत के लेखाधिकारी मुजाहिद बेग, ऑडीटर जिला पंचायत देवेंद्र वर्मा व उपयंत्री जनपद पंचायत अंबाह, गिर्राज गुप्ता की टीम जांच प्रतिवेदन में भ्रष्टाचार सिद्ध कर चुकी है।
-मनरेगा के नाम पर कैलारस में हुई धांधली की जांच और प्रतिवेदन प्राप्त होने की जानकारी है। इसमें कार्रवाई की क्या स्थिति, यह पता करके अधिकारियों से कहेंगे कि दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
गीता हर्षाना, अध्यक्ष, जिला पंचायत, मुरैना।