यहां बता दें कि वन चौकी पहाड़ी 5 लोगों का स्टाफ पदस्थ है, जिसमें डिप्टी रेंजर प्रभारी प्रदीप शर्मा, फॉरेस्ट गार्ड कृष्णकांत शर्मा, फॉरेस्ट गार्ड सोनपाल जादौन, फॉरेस्ट गार्ड सुनील कुमार, फॉरेस्ट गॉर्ड धर्मेंद्र कुमार तैनात हैं। पहाड़ी गांव के आसपास पत्थर की तमाम अवैध खदान हैं। हाईकोर्ट के आदेश से स्थापित वन चौकी की सुरक्षा के लिए एसएएफ का गार्ड भी लगाया गया है, लेकिन खबर है कि डिप्टी रेंजर प्रभारी एसएएफ बल को साथ ड्यूटी पर नहीं ले जाते। खास बात यह है कि बीते दिनों डीएफओ सहित अन्य अधिकारी क्षेत्र के भ्रमण पर गए थे, लेकिन वन चौकी प्रभारी ने पहाड़ी गांव के आसपास संचालित अवैध खदानों की जानकारी अधिकारियों को नहीं दी और न उनको उन क्षेत्रों में ले जाया गया, जहां अवैध खदान संचालित है। क्षेत्र में अवैध रूप से बड़ी खदानें तो हर किसी की नजर में हैं लेकिन पहाड़ी के आसपास छोटी छोटी तमाम खदानें अवैध रूप से चल रही हैं, उनसे अधिकारी पूरी तरह अनभिज्ञ हैं।
पहाड़ी वन चौकी क्षेत्र में खदानों को चेक करने गए थे, उसी समय खदान पर खड़े थे, तभी किसी ने फोटो कर लिए होंगे। अवैध उत्खनन को लेकर समय-समय पर दबिश देते रहते हैं। कारोबारी हमारे पहुंचने से पहले ही भाग जाते हैं।
प्रदीप शर्मा, प्रभारी डिप्टी रेंजर, वन चौकी पहाड़ी
पहाड़ी वन चौकी क्षेत्र में अवैध खदान के संचालन हमको जानकारी नहीं है। मैं रेंजर को भेजकर दिखवा लेता हूं, अगर ऐसा मिलता है तो कार्रवाई की जाएगी।
अमित निकम, डीएफओ, मुरैना