विदित हो कि प्रजापति के पुरा पीएम रोड से नवल सिंह के घर तक 110 मीटर लंबाई और तीन मीटर चौड़ी सडक़ बनाई गई। जिसका कुल क्षेत्रफल 330 वर्ग मीटर है। डीपीआर के अनुसार 800 रुपए प्रति मीटर के हिसाब से भुगतान किया जाता है। इस लिहाज से 330 वर्ग मीटर का भुगतान 2 लाख 64 हजार रुपए बनता है। जबकि दो लाख 47 हजार की राशि निकाली गई। वहीं कवि का पुरा में महासुंदर के घर से औतार के घर तक की लंबाई 50 मीटर और चौड़ाई तीन मीटर के हिसाब से 150 वर्ग मीटर काम हुआ जिसका भुगतान एक लाख बीस हजार बनता है और तीन लाख 80 हजार निकाले जा चुके हैं। अर्थात दोनों सडक़ निर्माण कार्य के लिए तीन लाख 84 हजार की राशि होती है जबकि पंचायत के जिम्मेदार लोगों ने 6 लाख 27 हजार निकाले जा चुके हैं। इस पंचायत में हुए निर्माण कार्य को लेकर रोजगार सहायक व सीइओ जनपद पंचायत की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। धनेला में पूर्व में हुए फर्जीवाड़े की जाचं के लिए जनपद पंचायत की सीइओ ने रामदास खंड पंचायत अधिकारी, आरए किरार सहायक यंत्री, एम एल दौहरे पंचायत समन्वयक अधिकारी जांच समिति बनाई थी। सीइओ ने इनको निर्देशित किया है कि दो दिवस के अंदर जांच कर वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन अभिमत सहित प्रस्तुत करें लेकिन समिति अभी तक जांच पूरी नहीं कर सकी है। समिति के सदस्य धनेला पंचायत में मौका मुआयना तो कर आए हैं लेकिन जांच अभी तक पूरी नहीं की है।
सडक़ निर्माण के दौरान सीमेंट में मिलाई सफेद गिट्टी
धनेला पंचायत में सडक़ निर्माण के दौरान काली गिट्टी के जगह सफेद गिट्टी सीमेंट में मिलाई गई। यह पहली बार देखा गया जब सीमेंटीकरण के कार्य में काली गिट्टी की जगह सफेद गिट्टी मिलाई गई हो। विडंबना इस बात की है कि जनपद पंचायत के अधिकारियों ने पंचायत के तहत किए गए कार्यों की मॉनीटरिंग नहीं की जाती, इसलिए पंचायत के जिम्मेदार लोग मनमानी कर रहे हैं।
धनेला पंचायत में पहले से समिति जांच कर रही है और सफेद गिट्टी मिलाने के मामले में भी जांच करा लेते हैं।
सृष्टि भदौरिया, सीइओ, जनपद पंचायत, मुरैना