जानकारी के अनुसार 2& अक्टूबर को सामान्य प्रशासन विभाग ने लिखित में आदेश जारी किए हैं कि सभी संस्थाओं में स्टाफ पूरा आएगा। परंतु शासकीय पीजी कॉलेज का अधिकांश स्टाफ ग्वालियर से अपडाउन करता है और उन्होंने आपस में तय कर दिया है कि दो दिन जो कॉलेज आएंगे वह दो दिन अवकाश पर रहेंगे। इसके लिए प्राचार्य व मुख्य लिपिक से स्टाफ ने सांठगांठ कर ली है। कमोवेश यही स्थिति कन्या महाविद्यालय व लॉ कॉलेज की भी है। शासकीय पीजी कॉलेज में करीब आधा सैकड़ा स्टाफ है। इसमें &1 स्थायी प्राध्यापक और 15 अतिथि विद्वान हैं। मंगलवार को बमुश्किल 10-12 का स्टाफ कॉलेज में मौजूद था। अधिकांश स्टाफ नदारद था। विडंवना देखिए कि जो स्टाफ कॉलेज में उपस्थित नहीं था, उसके भी रजिस्टर पर हस्ताक्षर हो रहे थे। स्टाफ कॉलेज में नहीं था फिर हस्ताक्षर किसने कर दिया या फिर एडवांस में कर दिए जाते हैं, यह गंभीर अनियमितता की श्रेणी में आता है, इसकी उ‘चस्तरीय जांच होनी चाहिए। एडवांस में हस्ताक्षर करने का सिस्टम शहर के एक अन्य कॉलेज में चल रहा है। उसमें भी प्राचार्य की मेहरबानी से हो रहा है। अतिथि विद्वान के रजिस्टर में दो मैंथ व एक बॉटनी के अतिथि विद्वान सहित अन्य के हस्ताक्षर नहीं थे।
नहीं थमा स्टाफ का अपडाउन इन दिनों विधानसभा उपचुनाव के चलते मुख्यालय नहीं छोडऩे के जिला निर्वाचन अधिकारी के सख्त निर्देश हैं परंतु फिर भी मुरैना के शासकीय पीजी कॉलेज, लॉ कॉलेज, गल्र्स कॉलेज का स्टाफ ग्वालियर व आगरा से अपडाउन कर रहा है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने तो ये भी निर्देश जारी किए थे कि बगैर उनकी अनुमति के कोई भी अधिकारी कर्मचारी अवकाश पर नहीं जाएगा लेकिन कलेक्टर के निर्देश कॉलेज स्तर पर कोई फॉलो नहीं कर रहा है। इन कॉलेजों में जब इनकी इ‘छा होती है तब स्टाफ अवकाश पर चला जाता है।
23 अक्टूबर को सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश आए थे, मैंने कल रात को ही गु्रप पर मैसेज सेंड कर दिया है और स्टाफ से कहा है कि पूरा स्टाफ सुबह साढ़े दस से शाम साढ़े पांच बजे तक कॉलेज में उपस्थित रहेगा अन्यथा की स्थिति में अनुपस्थित दिखाकर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. सीएल गुप्ता, प्राचार्य, शासकीय पीजी और लॉ कॉलेज, मुरैना