शराब पीने से मृत हुए कुछ लोगों के परिवारों की ऐसी स्थिति है कि उनके यहां कमाने वाला कोई रहा ही नहीं हैं। ब”ो अनाथ हो गए हैं। रोजी-रोटी का साधन न होने से भूखों मरने की स्थिति बन गई है। मृतक दिलीप शाक्य के जाने के बाद छह बेटियां के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। वहीं कमोवेश यही स्थिति मृतक जितेन्द्र, दीपेश और सरनाम किरार की भी है। घटनाक्रम के बाद यहां जनप्रतिनिधियों को आना शुरू हुआ इसलिए शासन प्रशासन ने यह दिखाना का प्रयास किया कि हम मदद कर रहे हैं लेकिन जिस तरह से मदद होना चाहिए, वह अभी नहीं हो सकी है।
त्रयोदशा भी हुई लेकिन नहीं पहुंची मदद जहरीली शराब कांड में मृत दीपेश किरार कम उम्र का था इसलिए उसकी त्रयोदशा पर परिवार ने शनिवार को कन्या भोज कर दिया। परिजन का कहना हैं कि दीपेश की त्रयोदशा तक हो चुकी है लेकिन जो मदद की घोषणा की गई, वह अभी तक नहीं मिली है।
बीपीएल कार्ड भी नहीं बने पीडि़तों के मृतक परिवारों में कुछ के बीपीएल कार्ड पहले से बने हुए हंै और कुछ के बनाने के लिए प्रशासन कवायद की लेकिन डेढ़ सप्ताह निकल गया अभी तक किसी का कार्ड नहीं बना है सिर्फ कागज एकत्रित कर लिए हैं। जबकि राशन कार्ड बनाना प्रशासन के लिए कोई बड़ी प्रक्रिया नहीं हैं।
&मृतक के परिजन को काफी कुछ दिया जा चुका है, जो दिया गया है उसकी डिटेल सीइओ जनपद के पास है। नीरज शर्मा, एसडीएम, जौरा