पुलिस ने अपने बचाव में लिखी अपहरण व गैंगरेप की एफआइआर
– लगातार पुलिस अधिकारियों को आवेदन देती रही और थाने में भी गई फिर भी पुलिस ने लिखा कि घटना के बाद रिपोर्ट लिखाने नहीं आई पीडि़ता
पुलिस ने अपने बचाव में लिखी अपहरण व गैंगरेप की एफआइआर
मुरैना. बानमोर थाना क्षेत्र से गर्भवती महिला का अपहरण हुआ और उसके साथ दो महीने तक गैंगरेप हुआ। पुलिस उस महिला को मुक्त नहीं करा सकी। न्यायालय के हस्तक्षेप पर महिला मुक्त हुई। न्यायालय में पीडि़ता के बयान नहीं हो सके। पीडि़ता बानमोर थाने से लेकर पुलिस अधीक्षक, चंबल रेंज के डीआइजी व आइजी तक अपनी फरियादी लेकर गई लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। अब मामला महिला आयोग व न्यायालय तक पहुंच गया इसलिए पुलिस अपने आपको फंसती देख पीडि़ता को बुलाया और अपहरण व गैंगरेप का मामला दर्ज किया है। उसमें पुलिस ने अपना बचाव करते हुए लिखा है कि महिला अभी तक रिपोर्ट लिखाने नहीं आई इसलिए एफआइआर देर से की जा रही है। बानमोर थाने की महिला सब इंसपेक्टर जो कि इस मामले की विवेचना अधिकारी है और एक अन्य उप निरीक्षक की गलती और इनके द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को अंधेरे रखने का खामियाजा जिले के पुलिस अधिकारियों को भी भुगतना पड़ सकता है क्योंकि मामला महिला आयोग तक पहुंच गया है।
ऐसे हुआ महिला का अपहरण व गैंगरेप ………..
बानमोर थाना क्षेत्र की २० वर्षीय आठ महीने की गर्भवती महिला ने रिपोर्ट की है कि करीब तीन महीने पहले 25 अगस्त की शाम करीब 7-8 बजे की बात है अपने किराये के कमरे में बैठी थी मेरी मां रोटी बना रही थी दो गाडिय़ों से करीब 14-15 लोग आये जिसमें धर्मेन्द्र गुर्जर निवासी तुस्सी पुरा, रामवीर गुर्जर, किलेदार गुर्जर निवासी तुस्सीपुरा, राजू गुर्जर, सभाराम गुर्जर निवासी तुस्सीपुरा, ससुर सुल्तान गुर्जर, पति अजय गुर्जर और अन्य लोग आये और मेरा हाथ पकडकर खीचने लगे मेरी मारपीट करने लगे और मेरी मम्मी बसन्ती की भी मारपीट करने लगे मुझे गाडी से जबरदस्ती डालने लगे में नहीं बैठी तो मेरे सिर में एक आदमी ने लाठी मारी मेरे सिर में चोट आ गयी उसके बाद में बेहोश हो गयी जब में होश में आयी तो मैं गाड़ी में बीच की सीट के नीचे अन्य लोग के पैरों के नीचे पड़ी थी आगे की सीट पर मेरा पति बैठा था ये लोग मुझे सभाराम गुर्जर के घर पर तुस्सीपुरा गांव में ले गये। पडोस का रामलखन गुर्जर रात में मुझे अपनी पीठ पर डालकर चम्बल के बीहड़ में ले गया साथ में उपरोक्त लोग भी गये थे बीहड़ में मुझे करीब सात आठ दिन रखा दो तीन लोग बन्दूक लेकर रहते थे बीहड़ के टापू पर सभाराम गुर्जर, अजय गुर्जर व सुल्तान गुर्जर बैठ जाते थे और रामलखन गुर्जर, सुरेश गुर्जर, श्रीनिवास गुर्जर, संतराम गुर्जर, भवूति के भैया का लडक़ा निवासीगण तुस्सीपुरा व ऐदल गुर्जर, रनवीर गुर्जर निवासी नगरा ने मेरे साथ बलात्कार किया। मैं विरोध करती थी तो मेरी छाती से बन्दूक अड़ा देते थे मुझे धमकाते थे और मारपीट करते थे सात आठ दिन बीहड़ में रखने के बाद बीहड़ से सभाराम गुर्जर के घर पर ले गये उसके रामलखन, सुरेश, भवूती के घर पर रखा उसके बाद मुझे वापस सभाराम गुर्जर के घर पर रखा। जब भी पुलिस तलाशने जाती तो मुझे घर से गायब कर देते थे। मेरी मां ने हाईकोर्ट में लगाया तब पुलिस मुझे लेकर आयी और दो महीने बाद मुझे हाईकोर्ट में पेश किया। वहां धमकी के डर से बयान नहीं दिए थे।
इनके खिलाफ किया अपराध दर्ज……
बानमोर पुलिस ने धर्मेेन्द्र गुर्जर, रामवीर गुर्जर, किलेदार गुर्जर, राजू गुर्जर, सभाराम गुर्जर, सुल्तान गुर्जर, अजय गुर्जर, रामलखन गुर्जर, सुरेश गुर्जर, श्रीनिवास गुर्जर, संतराम गुर्जर, भवूती का लडक़ा निवासी तुस्सीपुरा, ऐंदल सिंह गुर्जर, रणवीर गुर्जर निवासी नगरा थानाा माताबसैया के खिलाफ भादंसं की धारा 366, 376 (डी), 376(2) एच, 323, 506 के तहत मामला दर्ज किया है।
पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था मामले को………..
गर्भवती महिला के अपहरण व गैंगरेप के मामले को पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था। यहां तक २८ अक्टूबर को खबर भी प्रकाशित की थी। उसमें महिला के साथ हुए अत्याचार का हवाला दिया गया था।
कथन
– अधिकारियों के यहां गई होगी फरियादिया थाने नहीं आई। आज जब आई है तो एफआइआर में उसी दिन रिपोर्ट लिखाने का हवाला दिया गया है।
पीयूष राठौर, उप निरीक्षक विवेचना अधिकारी
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