बेटियों को छेड़छाड़ व उत्पात, हंगामे से बचाने के लिए पुलिस और प्रशासन की इस पहल को लोगों ने सराहना शुरू कर दिया है। हाल ही में हुई सिलसिलेवार घटनाओं से चिंतित अधिकारियों ने शांति समिति की बैठक के दौरान छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग बैच लगाने की जरूरत जताई थी। इसके बाद व्यवस्था लागू करने में भी तत्परता दिखाई। जो दूसरे जिलों के लिए भी मिशाल बन सकती है।
अब रोज हो रही सतत निगरानी
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन तक थाना प्रभारी रहे उप निरीक्षक पवन सिंह भदौरिया ने कोचिंग सेंटर्स के आस पास गश्त भी कराया। जिससे उत्पाती युवाओं की हरकतों में कमी देखी जा रही थी। पुलिस ने यह हिदायत भी दी है कि जिस समय छात्राओं के बैच चल रहे हों, तब कोचिंग सेंटर्स के आस-पास अवांछित लोगों का समूह नजर नहीं आना चाहिए।
नई व्यवस्था से ये फायदे
छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग बैच बनाए जाने से बड़ा लाभ यह होगा कि बालिकाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं में कमी आएगी। कोचिंग जोन में अप्रिय घटनाओं का ग्राफ भी गिरेगा। इसके अलावा कोचिंग सेंटरों पर बच्चों की संख्या कम होने से पढ़ाई का स्तर भी सुधरेगा। उल्लेखनीय है कि अभिभावक तो कई दिनों से यह व्यवस्था लागू करने की मांग उठा रहे थे।
ऐसे बदला समय
तय किया गया है कि कोचिंग सेंटरों पर सप्ताह में तीन दिन छात्राओं के बैच लगाए जाएंगे, जबकि तीन दिन छात्रों को पढ़ाया जाएगा। शेड्यूल के मुताबिक सोमवार को कोचिंग सेंटर्स पर छात्राओं के बैच लगाए गए।