सात बीआरसी ने 12 साल में किया 2.61 लाख का फर्जी भुगतान
मोरेनाPublished: Jun 03, 2020 10:13:05 pm
– नियुक्ति नहीं थी फिर भी वेतनमद से निकालते रहे एक व्यक्ति का वेतन- वित्तीय अनियमितता उजागर फिर भी नहीं की अधिकारियों अभी तक कोई कार्रवाई
सात बीआरसी ने 12 साल में किया 2.61 लाख का फर्जी भुगतान
मुरैना. पहाडग़ढ़ विकास खंड में एक व्यक्ति जिसकी कहीं होई नियुक्ति नहीं फिर भी १२ साल सात माह से लगातार उसका वेतन निकलता रहा। सात बी आर सी बदल गए लेकिन किसी ने इस पर गौर नहीं किया कि बिना नियुक्ति के वेतनमद जो कि सरकारी मद होता, उसमें से भुगतान कैसे संभव है। २८१३६० रुपए उस व्यक्ति के नाम निकाले गए जिसकी कहीं कोई नियुक्ति नहीं हैं। यह वित्तीय अनियमितता का मामला विभागीय अधिकारियों की जानकारी में है उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
जानकारी के अनुसार गोपाल प्रजापति नामक व्यक्ति को अक्टूबर २००७ बीआरसी रविन्द्र सिंह तोमर ने एक हजार रुपए प्रतिमाह पर बिना नियुक्ति के रखा। इन्होंने उसको अगस्त २००८ तक हर महीने प्रोफेशनल फीस से भुगतान किया। सितंबर २००८ से अप्रैल २०१० तक इसी प्रोफेशनल फीस से उस समय बीआरसी रहे एल पी शर्मा, भगवान सिंह यादव, शिव कुमार ङ्क्षसह भदौरिया, कप्तान ङ्क्षसह यादव ने अपने अपने कार्यकाल में हर महीने एक हजार रुपए का भुगतान किया जाता रहा। मई २०१० से अगस्त २०१२ तक बीआरसी कप्तान सिंह यादव और संजय शिवहरे ने एक हजार से बढ़ाकर १८१० प्रति माह भुगतान कर दिए और वेतन मद जो कि सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए होता है, उससे भुगतान किया गया। सितंबर २०१२ से जनवरी २०१६ तक बीआरसी संजय शिवहरे की मेहरवानी हुई और २३८५ रुपए प्रति माह के हिसाब से सरकारी मद से भुगतान कर दिया। इसी तरह फरवरी २०१६ से अक्टूबर २०१९ तक बीआरसी देवेन्द्र हरदेनियां के द्वारा उसी सरकारी मद से २३८५ रुपए के हिसाब से प्रति महीने उस व्यक्ति के नाम भुगतान निकाला गया जिसकी कहीं होई नियुक्ति नहीं थी।
ऐसे पकड़ा गया मामला
पहाडग़ढ़ विकासखंड में नवंबर २०१९ में ब्रजेश शर्मा बी आर सी बने तो उन्होंने देखा कर्मचारियों की लिस्ट में गोपाल प्रजापति का नाम भी दर्ज था। उन्होंने पता किया तो उसकी कहीं कोई नियुक्ति नहीं थीं। फिर भी उसको वेतन हैड से हर माह भुगतान किया जा रहा था। उन्होंने तुरंत उसको हटाया और वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत डीपीसी व डीइओ को की।
जमा कराया एक महीने का भुगतान
तत्कालीन बीआरसी ब्रजेश शर्मा ने पता चला तब गोपाल प्रजापति नवंबर महीने का वेतन २३८५ रुपए वेतन हैड से ले चुका था। तब बीआरसी ने उसको नोटिस जारी किया कि तत्काल पैसे वापस किए जाएं। तब गोपाल प्रजापति ने नवंबर महीने का भुगतान २३८५ रुपए चालान के माध्यम से बैंक में जमा कराए।
विभागीय ऑडिट पर उठे सवाल
पहाडग़ढ़ में पिछले १२ साल से वित्तीय अनियमितता हो रही है। और साल विभागीय ऑडिट हो रही है लेकिन अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इस वित्तीय अनियमितता को देखकर लगता है कि अधिकारी व कर्मचारियों ने ऑडिट घर बैठकर ही खानापूर्ति कर दी अगर बारीकी से चेक किया होता तो मामला पकड़ में आ जाता। इसके चलते ऑडिट पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
कथन
– गोपाल प्रजापति के नाम से पिछले लंबे समय से पहले प्रोफेशनल फीस और फिर वेतन मद से भुगतान होता रहा। यह मामला मेरे संज्ञान में आया तो उसको तुरंत नौकरी से हटाया और एक महीने का भुगतान नोटिस देकर जमा भी करा लिया था। ये वित्तीय अनियमितता हुई है। इस मामले में कार्रवाई हेतु प्रस्ताव डीपीसी व जिला शिक्षा अधिकारी को भेजा जा चुका है।
ब्रजेश शर्मा, तत्कालीन बीआरसी, पहाडग़ढ
– पहाडग़ढ़ विकास खंड का यह मामला हमारे पास आया है कि नहीं, हम दिखवा लेते हैं।
सुभाष शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी
– पहाडग़ढ़ विकासखंड का मामला मेरे संज्ञान में आया है। तत्कालीन बीआरसी ब्रजेश शर्मा का पत्र मुझे मिल गया है। सभी को नोटिस जारी कर रहे हैं, कार्रवाई की जाएगी।
बी एस इंदोलिया, डीपीसी