एक ओर जहां यहां के कई सरकारी अस्पतालों को लेकर हर रोज शिकायतें आती रहती हैं। वहीं गर्मियों में तक ये सरकारी अस्पताल आम लोगों को जरूरत के मुताबिक तक सुविधा मुहय्या नहीं करवा पा रहे हैं। इसका जीता जाता उदाहरण है, मुरैना के जिला अस्पताल की बर्न यूनिट, जहां की व्यवस्थाएं इन दिनों भगवान भरोसे ही चल रही हैं।
भीषण गर्मी के मौसम में यहां भर्ती मरीजों के लिए गर्मी से निजात की कोई व्यवस्था नहीं है। हालात यहां तक आ गए हैं कि एक ही वार्ड में एक की जगह पर तीन-तीन मरीज भर्ती किए गए हैं।
इस संबंध में सबसे खास बात तो तब सामने आई जब भर्ती मरीज व उनके अटेंडरों से पत्रिका टीम ने बात की, जिस पर उनका कहना था कि गर्म हवा लग (रई हती तो घत्ते कूलर लानो पड़ों) रही थी तो कूलर को घर से लाना पड़ा, मरीजों की यह बात यहां की सारी अव्यवस्था को समझने के लिए काफी है।
वहीं एक मरीज ने यह भी बताया, यहां पलंग तक नहीं मिला। मजबूरी में जमीन पर इलाज कराना पड़ रहा है। भीषण गर्मी में यहां एसी खराब होने से मरीजों को अपने घर से कूलर-पंखे लेकर आने पड़ रहे हैं। यहां वर्न यूनिट में कुल 11 वार्ड हैं, इनमें से तीन के एसी खराब हैं, इसलिए किसी वार्ड में तीन तो किसी में दो पलंग डाल दिए गए हैं।
बर्न यूनिट में संक्रमण के खतरे के चलते एक मरीज के लिए एक वार्ड बनाया गया है, लेकिन एसी खराब होने पर वार्ड में एक की जगह तीन-तीन मरीजों का इलाज चल रहा है। इससे संक्रमण का खतरा बना हुआ है। बिडंवना यह है कि जिम्मेदार अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर नहीं हैं।
जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं जुटाने में सरकार लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। इसके बावजूद मरीजों को इस भीषण गर्मी में परेशान होना पड़ रहा है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा व्यवस्थाएं नहीं करने के कारण मरीज के अटेंडरों को खुद घर से पंखे व कूलर लाना पड़ रहा है।
वार्ड एक में भर्ती मरीज राजू गुर्जर निवासी विक्रम नगर ने बताया कि वार्ड का एसी खराब होने से इस भीषण गर्मी में परेशान होना पड़ रहा था। पंखे भी ठीक से हवा नहीं दे रहे। जले हुए शरीर में भीषण गर्मी के चलते और जलन पड़ रही थी, इसलिए घर से कूलर लाना पड़ा।
वार्ड दो में भर्ती मुन्नी देवी निवासी पायथा ने भी गर्मी से परेशान होकर अपने घर से कूलर मंगवाया। वहीं तुस्सीपुरा निवासी रवि माहौर ने बताया, मैं 10 मई को वार्ड छह में भर्ती हुआ था। इसमें दो पलंग हैं और तीन मरीज भर्ती हैं। पलंग न मिलने के कारण जमीन पर इलाज कराना पड़ रहा है। वार्ड पांच में भर्ती राजू नाम का मरीज भी पलंग न मिलने के कारण जमीन पर इलाज करवाने को मजबूर है।
बर्न यूनिट में तीन दिन तक बेडशीट नहीं बदली जा रही है। जबकि, जले हुए मरीजों के लिए साफ सुथरे कपड़ों की आवश्यकता रहती है। उसके बाद भी प्रबंधन का इस ओर ध्यान नहीं है। इससे मरीजों में संक्रमण फैलने का भी खतरा है। अस्पताल प्रबंधन ने सफाई का जिसको ठेका दिया है, उसकी निगरानी नहीं होने से ऐसे हातात बन रहे हैं।
– 11 वार्ड हैं बर्न यूनिट में।
– 10 मरीज भर्ती हैं बर्न यूनिट में।
– 06 एसी लगे हैं बर्न यूनिट में।
– 03 एसी खराब हैं वर्न यूनिट में।
– 06 का नर्सिंग स्टाफ कर रहा है ड्यूटी।
– डॉ. राकेश शर्मा, सीएमएचओ, मुरैना Read More –