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मोरेना

MP के सरकारी अस्पताल- भीषण गर्मी के बीच बर्न यूनिट में मरीजों को घर से लाना पड़ रहा है कूलर

– एक ही वार्ड में एक की जगह पर तीन-तीन मरीज भर्ती
– मरीजों व उनके परिजनों ने कि पत्रिका से बातचीत

मोरेनाMay 24, 2022 / 06:49 pm

दीपेश तिवारी

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मुरैना । Morena

मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्था का आलम हमेशा ही बना रहता है। इन्हीं अव्यवस्थित अस्पतालों में से एक है मुरैना जिले का जिला अस्पताल, लोगों का कहना है एक ओर जहां शुरुआत में सरकार नई नई तकनीकों के नाम पर काफी पैसा खर्च कर अपने नंबरों को जनता के सामने बढ़ाने का कार्य करती है। तो वहीं कुछ समय बाद से ही अस्पताल की ओर ध्यान देना तक बंद कर देती है। यहीं कारण है कि मध्यप्रदेश में सरकारी अस्पतालों की स्थिति अत्यंत दयनीय बनी हुई है।

एक ओर जहां यहां के कई सरकारी अस्पतालों को लेकर हर रोज शिकायतें आती रहती हैं। वहीं गर्मियों में तक ये सरकारी अस्पताल आम लोगों को जरूरत के मुताबिक तक सुविधा मुहय्या नहीं करवा पा रहे हैं। इसका जीता जाता उदाहरण है, मुरैना के जिला अस्पताल की बर्न यूनिट, जहां की व्यवस्थाएं इन दिनों भगवान भरोसे ही चल रही हैं।

भीषण गर्मी के मौसम में यहां भर्ती मरीजों के लिए गर्मी से निजात की कोई व्यवस्था नहीं है। हालात यहां तक आ गए हैं कि एक ही वार्ड में एक की जगह पर तीन-तीन मरीज भर्ती किए गए हैं।

इस संबंध में सबसे खास बात तो तब सामने आई जब भर्ती मरीज व उनके अटेंडरों से पत्रिका टीम ने बात की, जिस पर उनका कहना था कि गर्म हवा लग (रई हती तो घत्ते कूलर लानो पड़ों) रही थी तो कूलर को घर से लाना पड़ा, मरीजों की यह बात यहां की सारी अव्यवस्था को समझने के लिए काफी है।

वहीं एक मरीज ने यह भी बताया, यहां पलंग तक नहीं मिला। मजबूरी में जमीन पर इलाज कराना पड़ रहा है। भीषण गर्मी में यहां एसी खराब होने से मरीजों को अपने घर से कूलर-पंखे लेकर आने पड़ रहे हैं। यहां वर्न यूनिट में कुल 11 वार्ड हैं, इनमें से तीन के एसी खराब हैं, इसलिए किसी वार्ड में तीन तो किसी में दो पलंग डाल दिए गए हैं।

पलंग नहीं होने पर कुछ मरीज जमीन पर ही इलाज कराने को मजबूर हैं। देखा जाए तो बर्न यूनिट में जो व्यवस्थाएं होनी चाहिए, वह व्यवस्थाएं जुटाने में अस्पताल प्रबंधन फेल साबित होता नजर आ रहा है।
मालूम हो कि जिला अस्पताल के प्रथम तल पर नेत्र विभाग के बगल से बर्न यूनिट है। इसमें आधा दर्जन एसी लगे हैं। लेकिन, इनमें से तीन पूरी तरह बंद पड़े हैं और तीन नाम के एसी हैं। वह चल तो रहे हैं, लेकिन ठंडी हवा नहीं दे रहे। सूत्र बताते हैं कि अस्पताल में घटिया स्तर के एसी लगे होने से वह आए दिन खराब हो जाते हैं। न तो समय पर उनकी सर्विस होती है, इसलिए कुछ समय चलने के बाद वह खराब हो जाते हैं।
वार्ड में एक की जगह पड़े हैं तीन पलंग
बर्न यूनिट में संक्रमण के खतरे के चलते एक मरीज के लिए एक वार्ड बनाया गया है, लेकिन एसी खराब होने पर वार्ड में एक की जगह तीन-तीन मरीजों का इलाज चल रहा है। इससे संक्रमण का खतरा बना हुआ है। बिडंवना यह है कि जिम्मेदार अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर नहीं हैं।
जिला अस्पताल में सिविल सर्जन, प्रबंधक आते तो हैं, लेकिन व्यवस्थाओं को जुटाने के प्रति कभी गंभीरता नहीं दिखाते, इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। एसी में बैठकर अपनी कागजी कार्यवाहियों को निपटाया और घर चले जाते हैं।
अपनों का जीवन बचाने के लिए मरीजों के परिजनों को खुद करनी पड़ रहीं व्यवस्थाएं
जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं जुटाने में सरकार लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। इसके बावजूद मरीजों को इस भीषण गर्मी में परेशान होना पड़ रहा है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा व्यवस्थाएं नहीं करने के कारण मरीज के अटेंडरों को खुद घर से पंखे व कूलर लाना पड़ रहा है।
घर से लाना पड़ा कूलर
वार्ड एक में भर्ती मरीज राजू गुर्जर निवासी विक्रम नगर ने बताया कि वार्ड का एसी खराब होने से इस भीषण गर्मी में परेशान होना पड़ रहा था। पंखे भी ठीक से हवा नहीं दे रहे। जले हुए शरीर में भीषण गर्मी के चलते और जलन पड़ रही थी, इसलिए घर से कूलर लाना पड़ा।
नहीं मिला पलंग, जमीन पर करा रहे इलाज
वार्ड दो में भर्ती मुन्नी देवी निवासी पायथा ने भी गर्मी से परेशान होकर अपने घर से कूलर मंगवाया। वहीं तुस्सीपुरा निवासी रवि माहौर ने बताया, मैं 10 मई को वार्ड छह में भर्ती हुआ था। इसमें दो पलंग हैं और तीन मरीज भर्ती हैं। पलंग न मिलने के कारण जमीन पर इलाज कराना पड़ रहा है। वार्ड पांच में भर्ती राजू नाम का मरीज भी पलंग न मिलने के कारण जमीन पर इलाज करवाने को मजबूर है।
तीन दिन तक नहीं बदल रही बेडशीट
बर्न यूनिट में तीन दिन तक बेडशीट नहीं बदली जा रही है। जबकि, जले हुए मरीजों के लिए साफ सुथरे कपड़ों की आवश्यकता रहती है। उसके बाद भी प्रबंधन का इस ओर ध्यान नहीं है। इससे मरीजों में संक्रमण फैलने का भी खतरा है। अस्पताल प्रबंधन ने सफाई का जिसको ठेका दिया है, उसकी निगरानी नहीं होने से ऐसे हातात बन रहे हैं।
फैक्ट फाइल
– 11 वार्ड हैं बर्न यूनिट में।
– 10 मरीज भर्ती हैं बर्न यूनिट में।
– 06 एसी लगे हैं बर्न यूनिट में।
– 03 एसी खराब हैं वर्न यूनिट में।
– 06 का नर्सिंग स्टाफ कर रहा है ड्यूटी।
सिविल सर्जन से बात कर बर्न यूनिट की व्यवस्थाओं को सुधारा जाएगा। वहां के एसी भी बदलवाए जाएंगे और जो भी अव्यवस्थाएं होंगी, उनको दुरस्त किया जाएगा।
– डॉ. राकेश शर्मा, सीएमएचओ, मुरैना

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