बिना सुन्न किए लिए टांके, चीखती रही बच्ची
– पिता गिड़गिड़ाया फिर भी नहीं की सुनवाई- अस्पताल में संसाधन होने के बाद भी स्टाफ करता है मनमानी
बिना सुन्न किए लिए टांके, चीखती रही बच्ची
मुरैना. जिला अस्पताल में संसाधन होने के बाद भी स्टाफ उनको उपयोग नहीं करता। नियमानुसार अगर घाव ज्यादा है तो उस स्थान को इंजेक्शन लगाकर सुन्न करें, उसके बाद टांके लें लेकिन जिला अस्पताल में कुछ स्टाफ मनमानी पर उतारू है। उनको लोगों के दर्द से कोई सरोकार नहीं हैं।
मंगलवार की सुबह जिला अस्पताल में के अमरजेंसी कक्ष में देवरी गांव में हुए झगड़े में घायल होकर आए सौरभ पुत्र भारत खरे और पूनम पुत्र भारत खरे के सिर में गंभीर घाव था। नियमानुसार उस स्थान को सुन्न करना चाहिए था लेकिन वहां मौजूद कंपाउंडर रामहेत व चिकित्सक रामअख्त्यार कुशवाह ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया। कंपाउंडर ने बिना सुन्न किए ही टांके लेना शुरू कर दिया। जब बच्ची तेजी से चींखी तो पिता ने कहा सर, इंजेक्शन लगाकर सुन्न कर लेते, पिता गिड़गिड़ाया परंतु चिकित्सक ने यह कहकर कि इंजेक्शन से वह स्थान पक जाएगा, टाल दिया। चिकित्सक के इन शब्दों को सुनकर पिता पीछे हट गया लेकिन विडंवना इस बात की है कि पढ़े लिखे अधिकारी कर्मचारी लोगों को किस तरह गुमराह कर रहे हैं। यह जिला अस्पताल में ही देखने को मिलेगा। जब इस संबंध में डॉ. रामअख्त्यार कुशवाह को मोबाइल पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
– नियमानुसार घाव वाले स्थान को पहले सुन्न करते हैं, उसके बाद टांके लिए जाते हैं। जिला अस्पताल में जब हम थे तब बिना सुन्न किए टांके नहीं लेते थे। वर्तमान स्टाफ को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
डॉ. के एन मिश्रा, सीनियर सर्जन व रिटायर्ड चिकित्सक, जिला अस्पताल
कथन
– जिला अस्पताल में अगर बिना सुन्न किए टांके लिए जा रहे हैं तो गलत है। हम कई बार स्टाफ को दिशा निर्देश दे चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी ये लोग सुनते नहीं हैं। मैं फिर बोलता हूं कि जब अपने पास इंजेक्शन उपलब्ध हैं, तो उनको लगाना चाहिए।
डॉ. विनोद गुप्ता, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
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