ग्रामीणों ने बताया, पिछले दिनों क्षेत्रीय विधायक के प्रयासों से गांव में करीब 800 फीट गहराई तक बोर कराया गया, लेकिन वह भी फेल हो गया। इस बोर के फेल हो जाने के कारण पानी का कोई साधन नहीं है। गांव में लगे हैंडपंप पहाड़ी इलाका होने के कारण सूखे एवं टूटे पड़े हुए हैं।
पिछले एक दशक से पूरा गांव में पेयजल संकट से जूझ रहा है। जिला प्रशासन को पूर्व में ज्ञापन देकर अवगत कराया जा चुका है, उसके बाद भी पेयजल के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए।
शहीद खान, रहवासी
गंाव में कुछ लोगों ने अपने खेतों पर लगे बोर से संपन्न परिवार के घरों तक पाइप लाइन डालकर कनेक्शन दे दिए हैं, उनसे 400 रुपए मासिक लिया जाता है। गरीब परिवार दो किमी दूर से पानी ला रहे हैं।
हनीफ खान, रहवासी
क्षेत्रीय विधायक के प्रयास से 800 फीट गहरा बोर कराया गया, लेकिन वह भी फेल हो गया। गांव में पहाड़ी पर बसा होने पर यहां अधिकांश हैंडपंप सूखे व टूटे पड़े हैं। रहवासी पेयजल संकट से जूझ रहे हैं।
सलीम खान, रहवासी
इस बारे में सरपंच दाता राम गुर्जर का कहना है कि पहाड़ी इलाका होने के कारण पानी की बोङ्क्षरग फेल हो जाती है, यदि बानमोर गांव में नगर परिषद द्वारा बिछाई गई पाइप लाइन से इस गांव में पाइप लाइन बिछा दी जाए तो इस समस्या का हल हो सकता है।
दाताराम गुर्जर, सरपंच, ग्राम पंचायत, बानमोर खुर्द