जब आरक्षक को बतानी पड़ी आईजी को माफिया की करनी
बोला, थाने से आरोपी ले गए टै्रक्टर, रोका तो आरक्षक से की मारपीट फिर भी केस दर्ज नहीं

मुरैना. चंबल रेंज के आईजी मनोज शर्मा ने मंगलवार को पुलिस लाइन में वार्षिक निरीक्षण किया, उसके बाद पुलिस दरबार लगाया। इस दौरान गंभीर मामले सामने आए। कैलारस एसडीओपी शशिभूषण रघुवंशी ने बताया कि पहाडग़ढ़ क्षेत्र में इन दिनों बदमाशों का मवूमेंट है और जंगल में बनी कन्हार चौकी पर कोई वाहन नहीं है। ग्रामीणों को लगता है कि पुलिस पैदल आ नहीं पाएगी और उससे पहले बदमाश भाग जाएंगे या शक होने पर उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए ग्रामीण हमें सूचना नहीं देते। नूराबाद थाने के एक आरक्षक ने बताया कि एक आरोपित थाने से अपना ट्रैक्टर ले गया, उसे रोका तो उसने उसकी मारपीट कर दी और थाने में उसकी ही सुनवाई नहीं हुई। इसे आईजी ने गंभीरता से लिया और बानमौर एसडीओपी अरविंद सिंह को मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
फिक्स है डीजल भी : पोरसा टीआई अतुल सिंह ने कहा कि पुलिस थानों की गाडिय़ों के लिए महीने में 150 लीटर के करीब डीजल मिलता है। डीजल का बजट फिक्स है, जो पूरे महीने नहीं चलता। महीना खत्म होने से पहले ही डीजल खत्म हो जाता है, उसके बाद जब भी कहीं दबिश देनी हो या अन्य कार्रवाई के लिए जाना पड़ता है तब स्वयं की जेब से डीजल डलवाना पड़ता है। पुलिस दरबार में एसपी अनुराग सुजानिया सहित सभी एसडीएओपी, सभी थाना प्रभारी व अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
बनवाए जाएं आवास : माता बसैया थाना प्रभारी महेश शर्मा ने बताया कि, थाना परिसर में आवास जर्जर हालत में हैं, जिसमें रहने में असुरक्षा होती है। थाना ग्रामीण इलाके का होने के कारण वहां किराए के मकान भी नहीं मिलते, इसलिए आवास बनवाया जाएं।
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