कहानी:
इस फिल्म की कहानी बनारस, जयपुर, दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों के इर्दगिर्द घूमती है, जहां बनारस का बाहुबली भैयाजी (पवन मल्होत्रा) अपूर्वा (श्रेयस तलपड़े) और अपने दूसरे गुर्गों (जीशान कादरी, विजय राज, मनु ऋषि, नीरज सूद) के साथ मिलकर शिक्षा तंत्र में दीमक लगाने का काम करता है। अपूर्वा की अगुवाई में रेलवे, बैंकिंग, टीचरी आदि के एग्जाम्स पेपर्स को इतनी चतुराई और हाईटेक अंदाज में लीक किया जाता है कि किसी को कानों- कान खबर नहीं होती।
इसके बाद एसपी आदित्य (आफताब शिवदासानी) को एक टीम गठित करके इस गिरोह का पर्दाफाश करने की जिम्मेदारी दी जाती है। एक जमाने में आदित्य और अपूर्वा गहरे दोस्त हुआ करते थे, मगर फिर हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि आदित्य पुलिस और अपूर्वा चोर बन जाता है। आदित्य एजुकेशन सिस्टम के इस घपले को सामने लाने के लिए ईशा (सोनाली सहगल), अंसारी (जमील खान) और दिबांकर (अनिल मांगे) जैसे बागी पुलिस वालों की टीम बनाता है। उधर अपूर्वा एजुकेशन सिस्टम में घुसपैठ करने के साथ-साथ भैयाजी की बेटी प्रेरणा (इशिता दत्ता) के प्यार में पड़ जाता है, मगर तब तक पुलिस और चोरों के बीच चूहे-बिल्ली का खेल शुरू हो चुका है।
पत्रिका व्यू
आफताब शिवदासानी को एक अरसे बाद हैंडसम और गंभीर पुलिसवाले की भूमिका में देखना अच्छा लगा है।
श्रेयस तलपड़े अपनी कॉमिक इमेज से हटकर एक अलग अंदाज में नजर आए हैं।
क्लाइमेक्स और बेहतर हो सकता था।
इशिता दत्ता और सोनाली सहगल की एक्टिंग सीन काफी कम हैं।
कुल मिलाकर पत्रिका एंटरटेंमेंट की ओर से इस फिल्म को 5 में से 2.5 स्टार्स दिए जा सकते हैं। हालांकि आने वाले हफ्त बताएंगे की फिल्म बॅाक्स ऑफिस पर कितनी तारीफ बटोरती है।