scriptभोपाल में महापौर, जानें कब किस पार्टी का रहा इस सीट पर राज | Patrika News
मप्र पंचायत निकाय चुनाव

भोपाल में महापौर, जानें कब किस पार्टी का रहा इस सीट पर राज

– सबसे ज्यादा महापौर कांग्रेस के, कार्यकाल के मामले में भाजपा तीन साल आगे
– नौ में से पांच महापौर कांग्रेस के, भाजपा ने 15 साल तो कांग्रेस ने किया 12 साल राज

Jul 03, 2022 / 10:36 am

दीपेश तिवारी

mahapoor_in_bhopal.png

भोपाल@देवेंद्र शर्मा

भोपाल नगर निगम में महापौर पद संख्या के आधार पर कांग्रेस की भाजपा पर बढ़त रही है, जबकि निगम में कार्यकाल के आधार पर देखें तो भाजपा तीन साल आगे है। अब तक कुल नौ महापौरों में कांग्रेस के पांच हैं, जबकि भाजपा के चार। कांग्रेस के पांच महापौरों ने अब तक कुल 12 साल ही निगम पर राज किया, जबकि भाजपा के चार महापौरों का 15 साल से अधिक समय तक राज रहा। 2009 के बाद भाजपा ने कांग्रेस को मौका नहीं दिया है। ये नगरीय निकाय चुनाव शहर को दसवां महापौर देंगे।

भोपाल नगर निगम एक नजर में
: 1975 में 71.23 वर्गकिमी का रहा रहा नगर परिषद के रूप में क्षेत्रफल
: 285 वर्गकिमी क्षेत्रफल दायरे तक बढ़ी नगर निगम
: 1983 में भोपाल को नगर निगम का दर्जा मिला।
: 463 वर्गकिमी है भोपाल नगर निगम का अभी दायरा

महापौर : कार्यकाल
: डॉ. आरके बिसारिया : 25 मार्च 1983 से 25 मार्च 1985 तक कांग्रेस
: दीपचंद यादव : 25 मार्च 1985 से 15 मार्च 1986 तक- कांग्रेस
: प्रोफेसर मधु गार्गव : 25 मार्च 1986 से 15 मार्च 1987 तक- कांग्रेस
: उमाशंकर मधु गुप्ता : 6 जनवरी 1995 से 4 जनवरी 2000 तक- भाजपा
: विभा पटेल : 8 जनवरी 2000 से तीन अक्टूबर 2004 तक- कांग्रेस
: चंद्रमुखी यादव : 4 अक्टूबर 2004 से नौ अक्टूबर 2004 तक- भाजपा
: सुनील सूद : 20 दिसंबर 2004 से 20 दिसंबर 2009 तक- कांग्रेस
: कृष्णा गौर : 27 दिसंबर 2009 से 27 दिसंबर 2014 तक- भाजपा
: आलोक शर्मा : 16 फरवरी 2015 से 16 फरवरी 2020 तक- भाजपा
(अब तक कुल नौ महापौर रहे)

सात दिन में पारित कराया था नर्मदा जल का संकल्प: अक्टूबर 2004 में भोपाल निगम में कांग्रेस की विभा पटेल महापौर थीं। उस समय ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हुई कि विभा को पद से हटाया। सात दिन के लिए महापौर भाजपा की चंद्रमुखी यादव को बनाया। सात दि में नर्मदा जल का प्रस्ताव पारित हुआ।

इधर, सबसे पुराने पार्षदों में से एक बाबूलाल यादव अब भी चुनाव लडऩे के इच्छुक…
1995 में उमाशंकर गुप्ता के महापौर कार्यकाल के समय पहली बाद पार्षद बने बाबूलाल यादव अभी 2015 से 2020 तक महापौर आलोक शर्मा के कार्यकाल में भी पार्षद रहे थे। यादव को इसबार टिकट नहीं मिला है। यादव का कहना है कि बीते करीब 30 सालों से निगम की व्यवस्था देख रहा हूं और इसके संचालन में भी शामिल रहा, लेकिन अब निगम की राजनीति काफी बदल गई है। उनका कहना है कि लोग खुद उम्मीदवारों का खड़ा करते थे, जबकि अब पार्षदी के लिए जोड़तोड़ देखी जाती है। ऐसा नहीं होना चाहिए।

Home / MP Panchayat Nikay Chunav / भोपाल में महापौर, जानें कब किस पार्टी का रहा इस सीट पर राज

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो