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Maharashtra Political Crisis: एकनाथ शिंदे समेत सभी बागी विधायकों के PSO-कमांडो पर गिरेगी गाज, इस वजह से उद्धव सरकार लेगी एक्शन?

शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के खिलाफ बगावत करने वाले करीब 40 विधायकों के निजी सुरक्षा अधिकारी, कमांडो और कांस्टेबल के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार कार्रवाई करेगी। बताया जा रहा है कि जब ये सभी विधायक बगावत के बाद महाराष्ट्र से जा रहे थे, इन सभी अधिकारियों ने प्रशासन और खुफिया विभाग को इसकी सूचना नहीं दी। इस वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए है।

मुंबईJun 24, 2022 / 01:18 pm

Dinesh Dubey

Maharashtra Political Crisis Updates: शिवसेना के विधायकों की बगावत से महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। हालांकि सत्ताधारी शिवसेना अपने विद्रोही नेताओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कर रही है। इस बीच खबर है कि उद्धव सरकार गुवाहाटी में मौजूद अपने मंत्री एकनाथ शिंदे समेत सभी बागी विधायकों के पर्सनल सिक्युरिटी ऑफिसर (PSO), कॉन्स्टेबल और कमांडो पर एक्शन लेने की तैयारी कर रही है।
जानकारी की अनुसार, शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे ने बगावत की और विधायकों को लेकर पहले सूरत और फिर वहां से गुवाहाटी चले गए। हालांकि इसकी भनक महाराष्ट्र प्रशासन को जरा सी भी नहीं लग पाई। पता चला है कि अब शिंदे के खिलाफ बगावत करने वाले करीब 40 विधायकों के निजी सुरक्षा अधिकारी, कमांडो और कांस्टेबल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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एनसीपी चीफ शरद पवार भी इस बात पर नाराजगी जता चुके है कि कैसे पुलिस को इतने बड़े पॉलिटिकल मूवमेंट की खबर तक नहीं मिली। अब राज्य सरकार इन सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। बताया जा रहा है कि जब ये सभी विधायक बगावत के बाद महाराष्ट्र से जा रहे थे, इन सभी अधिकारियों ने प्रशासन और खुफिया विभाग को इसकी सूचना नहीं दी। इस वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राज्य के सभी जिला कलेक्टरों को संबंधित जिलों में विधायकों के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का भी निर्देश दिया गया है।

6 महीने पहले शुरू हुई थी बगावत की तैयारी?
सूत्रों ने बताया था कि एकनाथ शिंदे पिछले छह महीने से बगावत की तैयारी कर रहे थे। यह भी पता चला है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पांच से छह बार इसकी जानकारी दी गई थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। आरोप है कि शिंदे की बीजेपी नेताओं के साथ बढ़ती करीबी की रिपोर्ट मिलने के बाद भी शिवसेना प्रमुख ने कोई कदम नहीं उठाया, जिसका नतीजा आज की स्थिति है।
शरद पवार भी एकनाथ शिंदे की बगावत को लेकर प्रशासन व खुफिया विभाग से नाराज हैं। उन्होंने अपने मंत्रियों के साथ बैठक में भी इस घटना पर नाराजगी व्यक्त की थी।
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