एनआईए इस विषय पर भी पूरी जांच करेगी कि क्या ये मामला राष्ट्रीय साजिश का हिस्सा है या फिर विदेश से इस बर्बर अपराध को भड़काया गया है। पीड़ित के बेटे की शिकायत के आधार पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16, 18 और 20 और धारा 34, 153 (ए), 153 (बी), 120 (बी) और 302 आईपीसी के तहत मामला दर्ज हुआ है।
अमरावती के केमिस्ट उमेश कोल्हे का तीन बाइक सवार ने हत्या कर दी थी, उमेश कोल्हे का कुसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने पूर्व बीजेपी नेता नुपुर शर्मा की कथित समर्थन किया था। एफआईआर में इरफान खान, शोएब खान, मुदस्सर अहमद, शाहरुख पठान, अब्दुल तौफीक, आतिब राशिद, युसूफ खान और शाहिम अहमद को अज्ञात लोगों के साथ आरोपी बनाया गया है।
बता दें कि अमरावती हत्या पर निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने सिटी कमिश्नर पर हत्या मामले को दबाने का आरोप लगाया है। नवनीत राणा ने कहा कि शहर की पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने हत्या को डकैती के तौर पर पेश करने की कोशिश की। अमरावती के पुलिस आयुक्त के खिलाफ भी जांच होनी चाहिए।
एनआईए की एफआईआर के अनुसार मृतक उमेश कोल्हे की निर्मम हत्या आरोपियों और अन्य लोगों की एक बड़ी साजिश थी, जिन्होंने आतंक फैलाने की कोशिश की। इसके साथ ही धर्म के नाम पर दो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना इसका मकसद था। 21 जून की रात 10:00 से 10:30 बजे के बीच इस वारदात को अंजाम दिया गया। शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय के उस आदेश के आधार पर एनआईए ने प्राथमिकी दर्ज की।
इससे पहले अमरावती पुलिस ने इस हत्याकांड को लूट के इरादे से की गई हत्या का मामला दर्ज किया था। वहीं, एनआईए की प्राथमिकी से यह साफ हो गया कि उमेश कोल्हे के दूकान से किसी भी प्रकार की कोई चोरी नहीं हुई। ऐसे में पुलिस पर अब गंभीर सवाल उठ रहे हैं। बता दें कि डीजीपी ने पूछने के बावजूद घटना के बारे में केंद्र सरकार को कोई भी रिपोर्ट नहीं भेजी।