इसलिए हुई सेना की तैनाती पानी चोरी रोकने के लिए बांध परिसर में पुलिस बल तैनात करने की मांग की गई। लेकिन, लोकसभा चुनाव के कारण पुलिस सुरक्षा नहीं मिली। इसके बाद दूसरा कोई विकल्प नहीं था। सेना अधिकारियों ने स्थिति का आंकलन किया। इसके बाद बांध और नदी परिसर में सशस्त्र सेना का दस्ता तैनात कर दिया गया। पंप, बिजली कनेक्टर और स्टार्टर जब्त तैनाती के बाद सेना के दस्ते में पानी चोरी करनेवाले किसानों के पंप, बिजली कनेक्टर व स्टार्टर को जब्त कर लिया। बिजली की कुछ मोटर भी कब्जे में ली गई है। सैन्य बल का कहना है कि सिंचाई के लिए पानी का इस्तेमाल होने के कारण सेना को भी जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। सेना का कहना है कि जो कोई भी पानी की चोरी करते हुए पकड़ा जाएगा, उसके खिलाफ सेना अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई होगी।
किसान और गांव के लोग पानी चोरी करते लाहवित, भागुर, देवलाली कैंप, नासिक रोड, चेहड़ी व सिन्नर जैसे इलाकों में पीने के पानी की गंभीर समस्या है। दारणा बांध से जल छोडऩे पर किसान और गांव के लोग पानी चोरी करते हैं। इस पानी में सैन्य बल का भी हिस्सा है। पानी चोरी रोकने के लिए सेना की तैनाती सैन्य बल की ओर से की गई, जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग से इसका कोई संबंध नहीं है।
– राजेश मोरे, अधीक्षक अभियंता, सिंचाई विभाग
– राजेश मोरे, अधीक्षक अभियंता, सिंचाई विभाग