संजय राउत ने कहा कि हर राज्य यहां जमीन चाहता है, महाराष्ट्र के पास अन्य राज्यों में जमीन नहीं है। गौरतलब है कि सीएम शिंदे और सरमा के बीच रविवार को गुवाहाटी के उसी होटल में बैठक हुई, जहां शिंदे और शिवसेना के अन्य बागी विधायक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार को गिराने से पहले 11 दिनों तक ठहरे थे।
बता दें कि सीएम शिंदे के ऑफिस से जारी एक बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने इंडस्ट्री, बुसिनेस और पर्यटन के क्षेत्र में दोनों राज्यों के बीच आपसी सहयोग को मजबूत करने पर भी चर्चा की। शिंदे, उनके मंत्रियों और सांसदों ने अपने परिवारों के साथ शनिवार को कामाख्या देवी मंदिर के दर्शन किए और बाद में सरमा के साथ मिलन समारोह में शामिल हुए।
जारी किए गए बयान में कहा गया कि सीएम शिंदे ने महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष के दौरान सपोर्ट के लिए सीएम सरमा को धन्यवाद दिया। शिंदे ने सरमा को महाराष्ट्र आने के लिए आमंत्रित भी किया। शिंदे ने नवी मुंबई में असम भवन के निर्माण के लिए सरमा के अनुरोध को स्वीकार कर लिया, जबकि असम सरकार उत्तर-पूर्वी राज्य में महाराष्ट्र भवन की स्थापना के लिए भूमि प्रदान करेगी। इस बयान में सीएम सरमा के हवाले से कहा गया कि जब सीएम शिंदे को महसूस हुआ कि उनकी पार्टी (शिवसेना) का रास्ता गलत है और वह इसे ठीक करना चाहते हैं, तो सहायता प्रदान की गई।
संजय राउत ने साधा निशाना: इस बीच, मुंबई में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि नवी मुंबई में असम भवन पहले से मौजूद है। हर राज्य मुंबई में जमीन चाहता है। लेकिन, महाराष्ट्र का अन्य राज्यों में जगह नहीं है। महाराष्ट्र के इंडस्ट्री छीन लिए जाते हैं और उसकी ही जमीन पर दावा ठोंक दिया जाता है।
संजय राउत ने आगे कहा कि असम के सीएम एक पूर्व कांग्रेसी हैं और शिंदे एक पूर्व शिवसैनिक हैं। दोनों पार्टी बदलने के बाद सीएम बने हैं। इसलिए, दलबदलुओं का साथ अच्छा चल रहा है। असम के लोग मुंबई और राज्य के अन्य हिस्सों में खुशी और शांति से रहते हैं। संजय राउत ने कहा कि मां कामाख्या देवी को न्याय की देवी कहा जाता है, हमें यकीन है कि वह जरूर न्याय करेंगी।