रेवेन्यू खर्च के तौर पर 18,796.74 करोड़ रुपए का प्रावधान हैं। आयुक्त प्रवीण परदेशी ने मुंबई की जनता पर किसी तरह का टैक्स न बढ़ाते हुए जनता को राहत दी है, लेकिन रोजाना की मूलभूत सेवाओं एवं लाइसेंस शुल्क में पांच प्रतिशत बढ़ोतरी कर दी है। बजट पेश करते हुए आयुक्त ने कहा कि इस बजट में नई परियोजनाएं लाने की बजाए पुरानी परियोजनाओं को पूरा करने पर जोर दिया गया है। मनपा का प्रयास है कि लोगों की मूलभूत सुविधाओं में इजाफा हो। पूरा ध्यान शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, सड़क और यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने पर किया गया है। परदेशी ने कहा कि शहर के पर्यावरण को बेहतर करने का प्रयास भी इस बजट के माध्यम से करेंगे।
इसके अलावा इमारतों में होने वाले कॉमर्शियल उपयोग में अवैध हिस्सों के कब्जों को नियमित कर अपनी कमाई बढ़ाने की योजना बनाई है। मनपा आयुक्त ने बजट में मुंबई की पानी व्यवस्था के लिए अलग से 3425.06 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वहीं इस बजट में शिक्षा के लिए 2944.59 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। स्वास्थ्य के लिए 4260.34 करोड रुपए का प्रावधान किया है। रोड और ट्रॉफिक के लिए (कोस्टल रोड़ भी इसमें शामिल है) 4287.34 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पुलों की मरम्मत और निमार्ण के लिए 1111.44 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है।
जल निकासी के लिए 1338.87 करोड़ रुपए, घन कचरा व्यवस्थापन के लिए 3290.54 करोड़ रुपए, मल निस्सारण के लिए 1608.01 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे पहले आयुक्त ने चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 का रिवाइज्ड बजट भी पेश किया। इसमें रेवेन्यू आय 23,846.45 करोड़ और रेवेन्यू खर्च 19240.31 करोड़ रुपए है। रिवाइज्ड बजट में कैपिटल खर्च 10785.08 करोड़ रुपए है।