मामला कोरोना ड्यूटी में लापरवाही से जुड़ा है। 3 जुलाई को सुनवाई के दौरान अदालत ने आदेश दिया था कि अधिकारी पूरी जिम्मेदारी से ड्यूटी करें। बुधवार को मामले की सुनवाई जस्टिस टीवी नलावडे और जस्टिस एसडी कुलकर्णी के समक्ष हुई। वरिष्ठ वकील राजेंद्र देशमुख ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद कोरोना रोकथाम उपाय योजना के इंचार्ज कई अधिकारी अभी भी ड्यूटी पर नहीं लौटे हैं। अधिकारियों की अनुशासनहीनता पर देशमुख ने सवाल उठाए।
सरकारी वकील डीके काले ने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई का विवरण कोर्ट को दिया। काले ने यह भी बताया कि कोरोना की रोकथाम के लिए औरंगाबाद में शुक्रवार से 9 दिन का लॉकडाउन लागू किया जाएगा।
अदालत ने जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) की ओर से निजी अस्पतालों को जारी कारण बताओ नोटिस पर भी गौर किया। अदालत ने एसपी से पूछा कि अस्पतालों का जवाब पेश क्यों नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि उन अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए जो सरकारी आदेशानुसार आरक्षित बेड पर मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं।