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मुंबई

खसरे के टीके से बच्चों को मिलेगी कोरोना से सुरक्षा

महामारी की संभावित तीसरी लहर से बचाव की तैयारी
 

मुंबईJun 25, 2021 / 09:08 pm

Chandra Prakash sain

कोरोना का एक रोगी मिला

कोरोना का एक रोगी मिला

पुणे. कोरोना की आशंकित तीसरी लहर से मुकाबले की तैयारी देश भर में की जा रही है। माना जा रहा कि तीसरी लहर में बच्चों पर खतरा ज्यादा होगा। केंद्र और राज्य सरकारें चुनौती से निपटने के लिए जरूरी उपचार सुविधाएं जुटा रही हैं। महामारी कंट्रोल करने के लिए 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। बच्चों की वैक्सीन आने में कुछ महीने लग सकते हैं। अभी यह टीका टेस्टिंग के दौर में है। परीक्षण के शुरुआती नतीजे वैज्ञानिकों और चिकित्सकों का उत्साह बढ़ाने वाले हैं। चिंता के बीच राहत के संकेत भी हैं। शोध में पता चला है कि खसरे (मीजल्स) के टीके से बच्चों को कोरोना से सुरक्षा मिल सकती है। यह शोध पुणे के बीजे गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज ने किया है। नौ सदस्यीय रिसर्च टीम ने खसरे के टीके को कोरोना के खिलाफ 87 प्रतिशत तक प्रभावी बताया है। शोध में दावा किया गया है कि जिन बच्चों को मीजल्स टीका लगा है, वे वायरस संक्रमण से सुरक्षित हैं। खसरे का टीका राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल है। बच्चों को 9 माह और 15 माह पर यह टीका लगाया जाता है। तीन साल पहले केंद्र सरकार ने 18 साल तक के उन सभी बच्चों को मीजल्स की टाका लगाने का अभियान शुरू किया, जिन्हें यह वैक्सीन नहीं लगी है।

548 बच्चों पर शोध
शोध में 548 बच्चे शामिल किए गए। ये बच्चे 1 से 17 साल के हैं। इनमें टीका और बिना टीका वाले बच्चे शामिल हैं। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि जिन बच्चों को टीका लगा था, उन पर वायरस का कोई असर नहीं हुआ। दूसरी तरफ बिना टीका वाले बच्चे संक्रमण की चपेट में आए। यह शोध रिपोर्ट पीयर रिव्यू इंटरनेशनल जर्नल, ह्यूमन वैक्सींस एंड इम्यूनोथेरेप्यूटिक्स में प्रकाशित हुई है।

चौंकानेवाले नतीजे
रिसर्च टीम के प्रमुख बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलेश गूजर ने बताया कि हमारा फोकस बच्चों पर केंद्रित था। कोविड-19 से बच्चे अब तक ज्यादा प्रभावित नहीं हुए हैं। हमने जांच की कि बीसीजी और एमएमआर वैक्सीन से तो बच्चों को सुरक्षा नहीं मिल रही। अनुमान गलत साबित हुआ। फिर हमने कोरोना के खिलाफ मीजल्स टीके की जांच की। नतीजे चौंकाने वाले मिले।

अध्ययन की जरूरत
डॉ. गूजर ने कहा कि खसरे का टीका 36 साल से इस्तेमाल हो रहा है। कोरोना के खिलाफ यह कितना असरदार है, यह जानने के लिए विस्तृत अध्ययन की जरूरत है। बच्चों को कोरोना सुरक्षा प्रदान करने वाला टीका जब तक उपलब्ध नहीं होता है, इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

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