548 बच्चों पर शोध
शोध में 548 बच्चे शामिल किए गए। ये बच्चे 1 से 17 साल के हैं। इनमें टीका और बिना टीका वाले बच्चे शामिल हैं। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि जिन बच्चों को टीका लगा था, उन पर वायरस का कोई असर नहीं हुआ। दूसरी तरफ बिना टीका वाले बच्चे संक्रमण की चपेट में आए। यह शोध रिपोर्ट पीयर रिव्यू इंटरनेशनल जर्नल, ह्यूमन वैक्सींस एंड इम्यूनोथेरेप्यूटिक्स में प्रकाशित हुई है।
चौंकानेवाले नतीजे
रिसर्च टीम के प्रमुख बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलेश गूजर ने बताया कि हमारा फोकस बच्चों पर केंद्रित था। कोविड-19 से बच्चे अब तक ज्यादा प्रभावित नहीं हुए हैं। हमने जांच की कि बीसीजी और एमएमआर वैक्सीन से तो बच्चों को सुरक्षा नहीं मिल रही। अनुमान गलत साबित हुआ। फिर हमने कोरोना के खिलाफ मीजल्स टीके की जांच की। नतीजे चौंकाने वाले मिले।
अध्ययन की जरूरत
डॉ. गूजर ने कहा कि खसरे का टीका 36 साल से इस्तेमाल हो रहा है। कोरोना के खिलाफ यह कितना असरदार है, यह जानने के लिए विस्तृत अध्ययन की जरूरत है। बच्चों को कोरोना सुरक्षा प्रदान करने वाला टीका जब तक उपलब्ध नहीं होता है, इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।