उद्योग की मदद के बजाए विकास की राह में रोड़ा साबित हो रहीं सरकार की नीतियां
मुंबई•May 09, 2019 / 06:26 pm•
Devkumar Singodiya
अर्थव्यवस्था में योगदान, समस्याओं से परेशान
मुंबई. मेटल एंड स्टेनलेस स्टील मर्चेंट्स एसोसिएशन, मुंबई (मासमा) एशिया के सबसे बड़े मेटल मार्केट के व्यापारियों का संगठन है। देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देने वाली संस्था आज कई समस्याओं से जूझ रही है। राजस्थान के सांचोर जिले के ज्यादातर कारोबारियों ने मुुंबई और आसपास के क्षेत्र को अपनी कर्मभूमि बनाई तो स्थानीय लोगों को भी बड़ी संख्या में रोजगार मिला। आज जहां कारोबार करोड़ों रुपए का होता है, वहीं सरकार को भी बड़ा राजस्व मिलता है। करीब 36 साल पुरानी संस्था के 18 सौ से ज्यादा सदस्य हैं। मुख्य उद्देश्य मेटल और स्टील उद्योग के जरिए देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना है। एसोसिएशन कारोबार के विकास में योगदान देता है, वहीं व्यापारियों की समस्याओं के समाधान के लिए भी सक्रिय रहता है। आरोप है कि सरकार व्यापारियों को बस टैक्स देने वाले के रूप में देखती है, उनकी समस्याओं के निराकरण पर ध्यान नहीं दिया जाता। पत्रिका ने व्यापारियों के मुद्दों को लेकर टॉक शो का आयोजन किया, जिसमें एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की। संस्था के पदाधिकारियों ने न सिर्फ समस्याएं गिनाईं, बल्कि उनका समाधान भी सुझाया।
यह भी बड़ा मुद्दा
मेटल मार्केट के ज्यादातर व्यापारी राजस्थान के जालोर जिले के प्रवासी हैं, जो मुंबई को अपना कर्मक्षेत्र बना चुके हैं। यह जब भी अपने गांव जाते हैं तो सीधी ट्रेन सुविधा नहीं होने की वजह से भारी परेशानी होती है। प्रशासन से उन्होंने कई बार सीधी ट्रेन की मांग की है, लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हुई है। निजी बस संचालक इस मजबूरी का फायदा उठा कर मनमानी किराया वसूलते हैं। कई संगठनों की ओर से सांचोर तक सीधी ट्रेन सेवा की मांग पहले से की जाती रही है।