मार्च के पहले सप्ताह में पहला मरीज मिलने के बाद 31 मार्च के अंत तक राज्य में 302 मरीज थे। उसमें से 39 मरीज ठीक हो गए थे। यानी मार्च महीने में कोरोना मरीज ठीक होने का प्रमाण 12.91 प्रतिशत था। अप्रैल के अंत में राज्य में 10 हजार 498 मरीज थे। उसमें से 1773 मरीज ठीक होकर घर चले गए हैं। अप्रेल माह में मरीज ठीक होने का प्रमाण 16. 88 प्रतिशत था।
31 मई तक राज्य में 67 हजार 655 मरीजों में से 29 हजार 329 मरीज ठीक हुए। इसलिए मई माह में रिकवरी रेट मार्च की तुलना में साढ़े तीन गुना बढ़कर 43.35 प्रतिशत हो गई है। राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे विभिन्न उपाय योजनाएं, लागू लॉक डाउन, डॉक्टर्स, स्वास्थ्य कर्मचारियों के परिश्रम के कारण,इसके अलावा केंद्र सरकार की सुधारीत डिस्चार्ज पॉलिसी घोषित करने के कारण ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में बढ़े पैमाने पर बढ़ोतरी हुई है। मई माह के अंतिम सप्ताह में एक दिन ही 8000 हजार मरीज ठीक होने की बात स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कही। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में मरीजों के ठीक होने का प्रमाण और मरीज दोगुना होने की कालावधि बढ़ाने के लिए अधिक प्रयास किया जा रहा है।