scriptDabangg 3 Review : दबंग सलमान खान की इस फिल्म का नहीं चला जादू ! | Salman Khan film earns Rs 24.5 crore first day | Patrika News
मुंबई

Dabangg 3 Review : दबंग सलमान खान की इस फिल्म का नहीं चला जादू !

सलमान के प्रशंसकों के इंतजार का फल निकला कड़वा
दबंग सीरिज की दो फिल्मों जैसा नहीं दिखा दम
प्रभुदेवा का निर्देशन कम और सलमान का ज्यादा दिखा
समय — 2 घंटा 23 मिनट
निर्देशक — प्रभूदेवा
कलाकार — सलमान खान, सोनाक्षी सिन्हा, किच्चा सुदीप, सई मांजरेकर, अरबाज खान, डिंपल कपाडिय़ा, टीनू आनंद, महेश मांजरेकर,
रेटिंग — दो

मुंबईDec 21, 2019 / 09:51 pm

Arun lal Yadav

दबंग की दबंगई फुस्स

दबंग की दबंगई फुस्स

अरुण लाल

मुंबई. इस बार “दबंग” सलमान के फैन दबंग-3 से निराश होने जा रहे हैं। फिल्म पिछली फिल्मों के डायलॉगों/ सीन के सहारे सलमान के स्टारडम को दिखाने का प्रयास किया गया है, वह भी अनियोजित। ठीक-ठाक कहानी और बेहतर कलाकारों के बावजूद निर्देशक प्रभूदेवा कोई कमाल नहीं दिखा पाए। फिल्म में सलमान दबंग दरोगा से एसपी तो बन गए, पर फिल्म कहानी आगे बढ़ती नहीं दिखी, यह पिछली फिल्मों के आगे कहीं टिकती नहीं। बेदम गाने और बचकाने डॉयलॉग लोगों को उबासी लेने पर मजबूर करेंगे। कहानी को ठीक तरह से पकाया नहीं गया, बेतुके ढंग से गाने और एक के बाद एक बेदम डॉयलॉग दर्शकों को निराश करेंगे। फिल्म इस तरह से बिखरी पड़ी है कि सलमान भी फिल्म को संभाल नहीं पाते।


कहानी

्र्एसपी बन चुके चुलबुल पांडे (सलमान खान) एक नए शहर आते हैं। चुलबुल की एंट्री होती है, जहां वे तस्करी की जाने वाली युवतियों को छुड़ाते हैं। यहां से विलेन माफिया सरगना बाली (सुदीप किच्चा) सीन में आता है। यह निर्मम हत्यारा है लोगों को मारकर गाड़ देता है। दोनों एक दूसरे को देखकर चौंकते हंै। यहां से कहनी फ्लैश बैक में चली जाती है। दरोगा बनने से पहले चुलबूल पांडे के पहले प्यार खुशी (सई मांजरेकर) की एंट्री होती है। शादी की चर्चा प्रेम फिर बाली को खुशी से प्रेम होता है। पर खुशी को चुलबुल के प्रेम में देखकर बाली खुशी उसकी मौसी और मामा को मार देता है। चुलबुल को सजा हो जाती है। इसके बाद धाकड़ पांडे इंस्पेक्टर चुलबुल पांडे के रूप में सामने आता है। फिर इसके बाद वही होता है, जो हर मसाला फिल्म में हो सकता है।

ओवरऑल
फिल्म के निर्देशक प्रभूदेवा फिल्म को पकडऩे में विफल रहे हैं। फिल्म में एक के बाद एक सीन डालते रहे, जिनमें कोई साम्यता नहीं है। निर्देशक पिछली फिल्मों से आगे की कहानी कहने की हिम्मत नहीं दिखा पाए। वे नया जादू पैदा करने की बजाए, पिछली फिल्मों के जादू से फिल्म को खड़ा करने का प्रयास करते हैं, जिसके चलते यह फिल्म धड़ाम से गिर पड़ी है। कई सीन तो जस-के तस नजर आते हैं। डायलॉग पर किसी तरह का काम किया गया लगता नहीं है। “थप्पड़ से डर नहीं लगता साहब, प्यार से लगता है” डायलॉग से धूम मचाने वाली सोनाक्षी इस फिल्म में बेतुके डायलॉग बोलते नजर आती हैं। मख्खी बने अरबाज खान का भी कोई कमाल नजर नहीं आता। मार-पीट, पटका-पटकी के कुछ सीन लोगों को भा सकते हैं। दबंग की पिछली फिल्में अपने बेहतर डायलॉग के लिए जानी जाती हैं। इस फिल्म में एक भी डॉयलाग ऐसा नहीं है, जो सिनेमाघर से निकलने के बाद दर्शकों को लुभाए। फिल्म के गाने आकर्षक नहीं हैं, और बिना सोचे समझे फिल्म में प्लेस किए लगते हैं। इस फिल्म में सलमान खान पर भी उनका स्टारडम भारी पड़ा है, दूसरे कलाकारों का तो कोई अता-पता ही नहीं। कुल मिलाकर सलमान के हार्डकोर फैन भी इस फिल्म को पचाने में कठिनाई महसूस करेंगे।

Home / Mumbai / Dabangg 3 Review : दबंग सलमान खान की इस फिल्म का नहीं चला जादू !

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो