विधायकों को एक लाख रूपए प्रतिमाह किराया देने का प्रस्ताव
यह जानकारी राज्य के संसदीय कार्यमंत्री गिरीश बापट ने दी। मंगलवार को विधान भवन में विधान मंडल के सभापति रामराजे निम्बालकर की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस बारे में बापट ने कहा कि विधायकों के मनोरा निवास को जर्जर घोषित किया गया है। वह अब रहने लायक नहीं है। संबंधित विभाग ने इस मामले में पिछले वर्ष ही अपना रिपोर्ट दी थी। फरवरी से ही सभी विधायकों को कमरे रिक्त करने के निर्देश जा रहे थे। सरकार विधायकों को दूसरे ठिकाने पर रहने के लिए एक लाख रुपए प्रति महीना किराया तक दे रही है। उसके बावजूद विधायक कमरे खाली नहीं कर रहे थे। उन्हें तीसरी बार सख्त नोटिस भी दिया गया था। साथ ही यह भी कह दिया गया है कि यदि कोई अप्रिय घटना हुई, तो उसके लिए विधायक ही जिम्मेदार होंगे।
बापट ने कहा कि बैठक में इस इमारत को गिराने को लेकर मिले सभी अनुमति पत्र पेश कर दिए गए। विधायकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे एक दिसंबर से तोडा जाएगा। राज्य में विधायकों के आवास के लिए मनोरा निवास पिछले २० वर्ष पहले बनाया गया था, लेकिन तकनीकी गड़बड़ियों के चलते वह समय से पहले जर्जर हो गया है। विभिन्न जांच एजेंसियों ने उसे घातक घोषित किया है।