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मुंबई

स्वतंत्रता सेनानी से डॉन बन गया था यह शख्स

दाऊद के गोल्ड स्मगलर गुरु की मौत, लल्लू जोगी की शवयात्रा में हजारों लोग हुए शामिल, मुंबई के लीलावती अस्पताल में हुई मौत

मुंबईMay 18, 2019 / 06:06 pm

Nitin Bhal

स्वतंत्रता सेनानी से डॉन बन गया था यह शख्स

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कुख्यात दाऊद इब्राहिम के गोल्ड स्मगलर गुरु लल्लू भाई जोगी भाई पटेल उर्फ लल्लू जोगी की मुंबई के लीलावती अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई है। गुरुवार दोपहर निधन के बाद दमन में उसका अंतिम संस्कार मरवण श्मशान भूमि पर समंदर किनारे किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में गोल्ड स्मगलरों के शामिल होने की सूचना है। लल्लू सोना तस्करी में दमन का दम दिखाने वाला कुख्यात था। सोना तस्करी के बादशाह माने जाने वाले मुंबई के हाजी मिर्जा मस्तान के पुराने दोस्त और साथ काम कर चुके लल्लू जोगी के बारे में कई किस्से-कहानियां आज भी मुंबई से दमन के तस्कर व लोग सुनाते हैं। हाजी और लल्लू के बारे में कहा जाता है कि वे एक साथ दमन के समंदर से सोना तस्करी करते रहे हैं। उनके साथ में मुजरा देखने और मौज-मस्ती करने के किस्से भी लोग दबी जुबान से सुनाते हैं। लल्लू जोगी के बारे में कहा जाता है कि युवा अपराधी दाऊद इब्राहिम कासकर को एक तरह से लल्लू जोगी की सरपरस्ती हासिल थी। लल्लू की तस्करी से आई सोने और चांदी की खेप मुंबई पहुंचाने का काम करते-करते शाबिर और दाऊद ने भी चमकीले सोने का काला कारोबार शुरू कर दिया था। इसमें लल्लू ने दाऊद की खासी मदद की थी।
दमन-दीव की आजादी की लड़ाई में लिया हिस्सा

देश के सबसे बड़े सोना तस्करों में शुमार लल्लू जोगी के बारे में यह तथ्य लोगों को नहीं पता है कि वह दमन-दीव की आजादी की जंग लडऩे वाले सिपाहियों में शामिल रहा है। उसने पुर्तगालियों के खिलाफ सशस्त्र रक्तरंजित क्रांति में आगे बढ़ कर हिस्सा लिया था। उसके घर में आज भी भारत सरकार का दिया स्वतंत्रता सेनानी प्रमाण पत्र लटका हुआ दिखता है। यह सोना तस्कर पूरे इलाके में खौफ का दूसरा नाम बना रहा है। जब उसका सोना या चांदी समंदर से होकर खाडिय़ों के जरिए गांव तक आता था, तब पूरे इलाके के घरों में दीए-लालटेन तक बुझाने का हुक्म रहता था। जो हुक्म को नहीं मानता था उसे गांव में रहने का अधिकार नहीं होता था।
भाणा भाई व बखिया से थी दोस्ती

इसके पहले दमन के पास ही रहने वाले भाणा भाई पटेल की मौत हो चुकी है। भाणा भाई पटेल के साथ कभी भी लल्लू जोगी का कोई विवाद नहीं रहा। दोनों मिल जुल कर बड़े आराम से सोना तस्करी करते रहे हैं। उसके हाजी मस्तान से बेहद मधुर संबध थे। हाजी मस्तान कभी भाणा भाई का नाम सही उच्चारित नहीं कर पाता था। वह हमेशा उसे दाना भाई ही पुकारता था। इसी के चलते पूरी मुंबई में दाना भाई के नाम से ही वह मशहूर हो गया था। दमन निवासी सुकुर नारायण बखिया भी उतना ही बड़ा तस्कर रहा है। वह भी लल्लू जोगी का दोस्त रहा है। बताया जाता है की मुंबई सहित देश भर में अब तक के सभी तस्करों ने लल्लू की छत्रछाया में तस्करी का काला धंधा सीखा।
लल्लू का परिवार का बिखरा

लल्लू की मौत के बाद उसके परिवार में कहने के लिए बस बेटियां और दामाद तथा उनके परिवार ही पीछे छूटे हैं। लल्लू जोगी के बड़े बेटे दिलीप (45) ने भी अवसाद में भर कर सन 2007 में एक दिन आत्महत्या कर ली थी। छोटे बेटे संदीप का शव एक होटल में सड़ी हालत में मिला था। छोटे बेटे संदीप ने ही अपनी मां चंपा बेन की हत्या की थी। इस मामले में बेटे की गिरफ्तारी भी हुई थी। लल्लू जोगी की पांच बेटियां हैं, जिनका वैवाहिक जीवन ठीक है। लल्लू जोगी के उदवाड़ा निवासी दामाद हंसमुख भाई भगवान भाई पटेल का परिवार ही एकाकी जीवन जी रहे इस अंतिम स्वर्ण तस्कर की देखभाल कर रहा था।

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