पोषक तत्वों से भरपूर
ड्रैगन फ्रूट को वैज्ञानिक भाषा में हायलोसुडेट्स कहा जाता है। चीन में इसकी उपज ज्यादा होती है। कई पोषक तत्वों से फरपूर यह फल पहले भारत में आयात किया जाता था। दो दशक पहले इसकी खेती देश में शुरू हुई। कर्नाटक-आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में सीमित खेती शुरू हुई। देश-विदेश में अच्छी मांग को देखते हुए बड़े पैमाने पर इसकी खेती होने लगी है।
तीन तरह के फल
सांगली के कृषि अधिकारी बसवराज मस्तोली ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट तीन तरह का होता है-ऊपर गुलाबी-अंदर सफेद, ऊपर गुलाबी-अंदर लाल व ऊपर पीला-भीतर सफेद। यह फल सेहत के अनुकूल है। इसमें विटामिन, फाइबर, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है।
बढ़ रही मांग
अधिकारियों के मुताबिक ड्रैगन फ्रूट की देश-विदेश में अच्छी मांग है। घरेलू बाजार में एक ड्रैगन फ्रूट 100 से 150 रुपए में बिकता है। तय मानक पूरे करने पर विदेश में भी आकर्षक कीमत मिलती है। मस्तोली ने बताया कि सांगली के अन्य गांवों के किसान भी अब इसकी खेती करना चाहते हैं। गन्ने की खेती के लिए यहां पानी कम पड़ रहा। अंगूर खेती खर्चीली है।