सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला शिक्षक संगठनों ने इसके लिए प्रयास किया था। महाराष्ट्र राज्य जूनियर कॉलेज शिक्षक महासंघ ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, शिक्षा सचिव और बोर्ड को इस संबंध में एक पत्र लिखा, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, 5 जून के पहले बोर्ड के परिणाम घोषित होने चाहिए। इसलिए शिक्षकों ने चुनाव से 10वीं और 12वीं के शिक्षकों को बाहर करने की मांग की थी।
2014 और 2017 में भी हुआ था ऐसा फैसला बोर्ड ने सकारात्मकता दिखाते हुए शिक्षा सचिव और सभी जिला अधिकारियों से इस बारे में जवाब निवेदन किया था। शिक्षक संगठनों की ओर से लगातार इस मांग को फॉलो किए जाने के कारण ही चुनाव आयोग ने यह राहत दी है। इस निर्णय से 10वीं के परिणाम 12वीं के परिणाम समय आने का रास्ता साफ हो गया है। इसके पहले 2014 के लोकसभा और 2017 के नगर निगम और जिला परिषद के पहले के चुनावों में इस तरह की व्यवस्था का फैसला किया गया था।