महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने मुंबई दक्षिण-मध्य निर्वाचन क्षेत्र में अपनी पार्टी के उम्मीदवार अनिल देसाई के लिए एंटॉप हिल में शनिवार शाम में एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान ठाकरे ने बड़ा दावा किया।
उद्धव ने कहा कि 2019 में तत्कालीन बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने फडणवीस को मातोश्री में बालासाहेब ठाकरे के कमरे के बाहर इंतजार करने के लिए कहा था। तब शाह बीजेपी-शिवसेना के साथ गठबंधन को अंतिम रूप देने के लिए मातोश्री आए थे। अपने संबोधन में उद्धव ठाकरे ने फडणवीस को निकम्मा और बेशर्म तक कहा।
‘वित्त मंत्री बनने का था सपना…’
उद्धव ने कहा, ”मैंने फडणवीस से कहा था कि मुख्यमंत्री बनाने की बात आदित्य के दिमाग में नहीं डालनी चाहिए। वह अभी एक विधायक के रूप में अपना करियर शुरू कर रहा हैं, आदित्य को तैयार करिए.. लेकिन सीएम पद की बात उसके दिमाग में नहीं जानी चाहिए। मैंने उनको पूछा था कि उनके जैसा वरिष्ठ नेता जब आदित्य सीएम बनेगा तो उनके अंडर कैसे काम करेंगे। फिर फडणवीस ने कहा था कि 2.5 साल बाद वह दिल्ली जाएंगे, क्योंकि उन्हें वित्त मंत्रालय के बारे में जानकारी है। यानी वह केंद्र में वित्त मंत्री बनना चाहते थे। लेकिन आज जब मैंने उनकी पोल खोल दी है तो वह मुझपर पलटवार कर रहे है।“
फडणवीस का पलटवार
देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर पलटवार करते हुए कहा कि सच बोलने के लिए सोचने की जरूरत नहीं पड़ती है। मैंने आदित्य ठाकरे को चुनाव लड़ने की सलाह दी… क्योंकि आगे चलकर उन्हें पार्टी (शिवसेना) की कमान सौंपी जानी थी, इसलिए आदित्य को इसके लिए तैयार होना चाहिए। लेकिन मेरा उन्हें मुख्यमंत्री तो क्या मंत्री बनाने का भी कोई इरादा नहीं था। उद्धव पर कटाक्ष करते हुए फडणवीस ने कहा, “झूठ बोलने के लिए सोच-विचार की आवश्यकता होती है। एक बार झूठ बोलने पर आपको बार-बार झूठ बोलने पड़ते हैं… तब आपकी पोल खुल जाती है। उद्घव ठाकरे बेनकाब हो गए है। मेरे पुराने मित्र उद्धव ठाकरे थोड़े भ्रमित हैं। उन्होंने (उद्धव ठाकरे) कहा कि मुझे आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाकर दिल्ली जाना था। वह पागल हो सकते है, लेकिन मैं नहीं हूं…।“
उद्धव झूठ बोल रहे- शिंदे
वहीँ, शिवसेना प्रमुख व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बीजेपी नेता का समर्थन करते हुए कहा कि झूठ बोलने की भी कोई सीमा होती है। उद्धव ठाकरे खुद सीएम बनना चाहते थे, जो कि वह शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में नहीं बन सके। इसलिए उन्होंने झूठ बोला कि अमित शाह ने उन्हें ढाई साल तक सीएम पद देने का वादा किया था।