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मुंबई

धीरे-धीरे बढ़ रही पर्यावरण अनुकूल ईंधन की मांग

सस्ते ईंधन से पुणे में दौड़ रहीं कारें-बसें, रोजाना 3 से 4.25 हजार लीटर एथेनॉल की बिक्रीमहंगे पेट्रोल से निजात, 60 से 62 रुपए लीटर मिलता है एथेनॉल

मुंबईAug 03, 2022 / 07:49 pm

Chandra Prakash sain

धीरे-धीरे बढ़ रही पर्यावरण अनुकूल ईंधन की मांग

धीरे-धीरे बढ़ रही पर्यावरण अनुकूल ईंधन की मांग

ओमसिंह राजपुरोहित/पुणे. महंगे पेट्रोल-डीजल और प्रदूषण की समस्या से निजात के लिए पुणे में धीरे-धीरे पर्यावरण अनुकूल ईंधन की मांग बढ़ रही है। वाहन मालिकों को ईंधन का सस्ता विकल्प देने के लिए शहर में तीन पेट्रोल पंप खोले गए हैं। इनमें से दो पंपों पर तीन हजार से 4.25 हजार लीटर के बीच रोजाना एथेनॉल बिक रहा है। कुछ कारों-ऑटो रिक्शा के साथ महानगर पालिका की बसें भी एथेनॉल से सड़कों पर दौड़ रही हैं। कृषि पंपों और जनरेटर चलाने के लिए भी लोग एथेनॉल ले जाते हैं। पंपों पर एथेनॉल की बिक्री सुबह नौ से शाम छह बजे के बीच होती है। सीमित बिक्री के बावजूद जानकार इसे अच्छी शुरुआत मान रहे हैं। उनका कहना है कि जैसे-जैसे फ्लेक्सी फ्यूल इंजन वाले वाहनों में इजाफा होगा, उसी अनुपात में एथेनॉल की बिक्री बढ़ेगी। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अनुरोध पर किर्लोस्कर सहित कई कंपनियां फ्लेक्सी फ्यूल इंजन बना रही हैं। यह इंजन 100 प्रतिशत एथेनॉल ईंधन से चलता है। टंकी में एथेनॉल खत्म होने पर पेट्रोल से भी वाहन चलाया जा सकता है। खास यह कि जहां पेट्रोल का भाव प्रति लीटर 100 रुपए से ज्यादा है, वहीं एथेनॉल 60 से 62 रुपए लीटर मिल जाता है।

साबित होगा गेमचेंजर
किर्लोस्कर के एक अधिकारी ने कहा कि परिवहन माध्यमों और कृषि उपकरणों के लिए एथेनॉल गेमचेंजर साबित होगा। हर कोई महंगे पेट्रोल-डीजल से परेशान है। फ्लेक्सी फ्यूल इंजन वाले वाहनों की मांग बढ़ी है। हम इसकी सप्लाई बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। पेट्रोल-डीजल के मुकाबले एथेनॉल प्रति लीटर 40 से 45 रुपए सस्ता मिल रहा। वाहन मालिकों-चालकों को न सिर्फ बचत होगी बल्कि गन्ना किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। देश का तेल आयात बिल भी कम होगा।

20 प्रतिशत मिलावट का लक्ष्य
कच्चे तेल का आयात कम करने के लिए सरकार एथेनॉल उत्पादन, इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन दे रही है। ईंधन के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन के इस्तेमाल की दिशा में युद्ध स्तर पर काम चल रहा। एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री हो रही है। 2025 तक 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य है। फ्लेक्स इंजन वाले वाहन बनाने की दिशा में बजाज ऑटो, टीवीएस आदि कंपनियां भी काम कर रही हैं।

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